डीएपी के बढ़े दाम पर भड़के अनिल दुबे, की तत्काल वापस लेने की मांग

बीजेपी सरकार की तरफ से डीएपी के दामों में एक साथ 300 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि करने का विरोध करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने किसानों पर अत्याचार बताया है।

Update: 2021-03-25 11:29 GMT
फोटो— सोशल मीडिया

लखनऊ। बीजेपी सरकार की तरफ से डीएपी के दामों में एक साथ 300 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि करने का विरोध करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने किसानों पर अत्याचार बताया है। उन्होंने सरकार से डीएपी के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्होंने आज लखनऊ में भाजपा को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि सरकार किसानों को गुलाम बनाने पर आमादा है। पहले से महंगाई की मार झेल रहे किसानों को इससे राहत दिलाने की जगह सरकार ने डीएपी के दामों में भारी वृद्धि करके किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि देश का किसान पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, बिजली के बढ़े दरों तथा फसलों का उचित मूल्य न मिलने के चलते पहले से ही परेशान है, ऐसे में सरकार ने महंगाई पर ध्यान देने की बजाय किसानों को तबाह और बर्बाद करने वाले तीन कृषि कानूनों को लागू कर दिया। वहीं अब रही सही कसर डीएपी का दाम 1200 रुपये से बढ़ा कर 1500 रुपए करके पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश में लगातार महंगाई बढ़ रही है, लेकिन सरकार किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य देने की जगह उन्हें गुमराह करने में लगी हुई है।

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राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में गन्ने के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई और न ही लागत का डेढ़ गुना देने पर कोई विचार किया गया। उन्होंने सरकार से किसानों का शोषण बंद कर डीएपी के साथ—साथ पेट्रोल, डीजल, रसोईं गैस और बिजली के बढ़े दामों को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गरीबों की बात करने वाली भाजपा सरकार गरीबों का ही शोषण करने में लगी हुई है।

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