RSS प्रमुख का बड़ा बयान, कहा सभी भारतीयों का DNA एक, 'लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं'

संघ प्रमुख ने कहा है कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है, क्योंकि वे एक हैं। भागवत ने लिंचिंग करने वालों को हिंदुत्व विरोधी बताया है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Newstrack :  Network
Update:2021-07-04 20:32 IST

संघ प्रमुख मोहन भागवत, फाइल, सोशल मीडिया

गाजियाबाद: राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। संघ प्रमुख ने लिचिंग और हिंदू-मुस्लिम एकता पर ये बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग लिंचिंग करते हैं वह हिंदुत्व विरोधी हैं। हिंदू कभी इसका पक्षधर नहीं रहा है। मोहन भागवत कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है, क्योंकि वे अलग-अलग नहीं बल्कि एक हैं। लोगों में पूजा करने के तरीके के आधार पर भेद नहीं किया जा सकता है। बता दें गाजियाबाद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित पुस्तक "दि मीटिंग्स ऑफ माइंड्स" के लॉन्च कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

पुस्तक का विमोचन करते RSS प्रमुख मोहन भागवत, सोशल मीडिया

लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। यहां हिंदू या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता। केवल भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या (लिंचिंग) में शामिल होने वाले लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं।

'राजनीति लोगों को नहीं कर सकती एक'

मोहन भागवत ने कहा, ''ऐसे कुछ काम हैं, जो राजनीति नहीं कर सकती है। राजनीति लोगों को एक नहीं कर सकती है, राजनीति लोगों को एक करने का उपकरण नहीं बन सकती है, लेकिन एकता खत्म करने का हथियार बन सकती है। उन्होंने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं। एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों की महिमा होनी चाहिए।

बिना एकता विकास संभव नहीं-संघ प्रमुख

अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं। एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों की महिमा होनी चाहिये। हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। यहां हिंदू या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता। केवल भारतीयों का प्रभुत्व हो सकता है। भागवत ने कहा कि वोट की राजनीति में हम नहीं पड़ते। राष्ट्र में क्या होना चाहिए, इस बारे में हमारे कुछ विचार हैं। अब एक ताकत बनी है तो वो ठीक हो जाए, इतनी ताकत हम चुनाव में भी लगाते हैं। हम राष्ट्रहित के पक्षधर हैं। बता दें कि, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉक्टर इफ्तिखार हसन की किताब 'वैचारिक समन्वय- एक व्यवहारिक पहल' का विमोचन करने के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत गाजियाबाद आए हैं।

Tags:    

Similar News