जवाबदेही तय होना जरूरी : सुलखान सिंह

Update: 2018-10-05 08:57 GMT

लखनऊ: पुलिस रिफॉर्म के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में आदेश जारी किया था,लेकिन रिफॉर्म कोई करना नहीं चाहता है। न तो केंद्र सरकार ने कुछ किया न तो राज्य सरकार कुछ कर रही है। सिविल सोसाइटी भी कुछ नहीं कर रही। किसी से भी बात कीजिए वह पुलिस में सुधार का इच्छुक नहीं है। सब पुलिस का दुरुपयोग करते हैं, इसीलिए सुधार नहीं करना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस तो बिगड़ ही जाएगी। पुलिस रिफॉर्म के बिना बदलाव संभव नहीं है।

जब तक जवाबदेही नहीं तय होगी, तब तक छवि नहीं सुधरेगी। अगर कोई अधिकारी या पुलिसकर्मी दोषी पाया जाए तो छोटे अधिकारियों की जांच बड़े पुलिस अधिकारी करेंगे। बड़े पुलिस अधिकारियों की जांच कोई अथॉरिटी करेगी। जब जवाबदेही हो जाएगी तो काम करना सीख जाएंगे। जो लोग गलत काम करते हैं, वही दोषियों को बचाने की कोशिश करते हैं।

ट्रांसफर-पोस्टिंग में हस्तक्षेप करने वाले ब्यूरोक्रेट और नेता गलत काम करवाते हैं। ये सब लेटर लिखते हैं जो रिकॉर्ड में है। कई बार इस पर हाईकोर्ट ने सवाल उठाए हैं। आजादी के बाद से पुलिस की परफार्मेंस और छवि गिरती जा रही है। पुलिस का आचरण सुधर नहीं रहा है। पुलिस का कंडक्ट खराब होता जा रहा है।

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