यहां बनेंगी चार नई औषधि प्रयोगशालाएं, जानिए क्या होगा इसमें खास
प्रदेश में औषधि प्रयोगशालाओं की संख्या को कम देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश मे औषधि प्रयोगशालाओं की संख्या मे इजाफा किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर 15.56 करोड़ अनुपूरक बजट में मांगे गए थे।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: प्रदेश में औषधि प्रयोगशालाओं की संख्या को कम देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश मे औषधि प्रयोगशालाओं की संख्या मे इजाफा किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर 15.56 करोड़ अनुपूरक बजट में मांगे गए थे। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई थी। 15.56 करोड़ रुपए की रकम में 60 फीसदी केन्द्र का और 40 फीसदी राज्य का अंश है। 9.34 करोड़ केन्द्र को और 6.22 करोड़ रुपये राज्य सरकार को देने हैं।
पहले चरण में इन 6 मण्डलों में खुलेंगी प्रयोगशालाएं
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा प्रदेश के सभी मण्डलों में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण में 6 मण्डलों में कानपुर, प्रयागराज, सहानरपुर, चित्रकूटधाम, बांदा, बरेली एवं अयोध्या में नवीन प्रयोगशालाएं स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है।
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उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के कार्यों को प्रभावी रूप से पूरा करने के उददेश्य से 4 नई औषधि प्रयोगशालाओं की स्थापना की जायेगी। यह प्रयोगशालाए गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी और आगरा में स्थापित होंगी। प्रयोगशालाओं की स्थापना सम्बन्धी प्रक्रिया प्रारम्भ की जा चुकी है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह सभी प्रयोगशालाएं सेन्ट्रल सेक्टर स्कीम के अन्तर्गत संचालित होंगी।
इसी स्कीम के तहत लखनऊ स्थित औषधि प्रयोगशाला के लिए नवीन भवन बनाया जायेगा। इस भवन निर्माण परियोजना की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा प्र्रदान कर दी गई है। राजकीय जनविश्लेषक प्रयोगशाला, लखनऊ में परीक्षण कार्यो को प्रभावी बनाने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की स्थापना कर उन्हें क्रियाशील कर दिया गया है, जिससे अब खाद्य पदार्थो में हैवी मेटल तथा पेस्टीसाइड आदि की भी जांच की जा सकेगी।
औषधि के नमूनों जांच के लिए केवल लखनऊ में ही प्रयोगशाला थी। चार अन्य औषधि प्रयोगशालाओं की मांग पिछले चार साल से की जा रही थी। लखनऊ की तरह वाराणसी, आगरा, मेरठ और गोरखपुर में भी खाद्य पदार्थों की जांच के लिए बनी प्रयोगशालाओं में इतनी जगह है कि वहां औषधि प्रयोगशाला भी खुल सके। बस वहां उपकरण, आफिस और मैन पावर की जरूरत थी।
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