New UP DGP: IPS डीएस चौहान सहित ये तीन नाम डीजीपी की रेस में सबसे आगे, देखें लिस्ट

IPS Devendra Singh Chauhan: डीजीपी के तौर आईपीएस अधिकारी देवेन्द्र सिंह चौहान (IPS Devendra Singh Chauhan) (डीएस चौहान) 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मूलतः उत्तर प्रदेश के मैनपूरी (Devendra Singh Chauhan Mainpuri) के रहने वाले हैं।

Published By :  Praveen Singh
Update:2022-05-12 08:47 IST

New UP DGP three IPS officers including Devendra Singh Chauhan

New UP DGP: उत्तर प्रदेश के डीपीपी मुकुल गोयल (Mukul Goyal Removed) को उनके पद से हटाकर नागरिक सुरक्षा के पद पर तैनात किए जाने के बाद अब  इस रेस में कई पुलिस अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं। फिलहाल डीएस चौहान से लेकर राजकुमार विश्वकर्मा समेत 1987 और 1988 बैच के कई आईपीएस अधिकारियों के नाम सत्ता के गलियारों में तैर रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के डीजीपी के तौर आईपीएस अधिकारी देवेन्द्र सिंह चौहान (IPS Devendra Singh Chauhan) (डीएस चौहान) 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मूलतः उत्तर प्रदेश के मैनपूरी (Devendra Singh Chauhan Mainpuri) के रहने वाले हैं। इस समय डीजी  विजलेंस के पद पर तैनात हैं। उनकी  छवि बेहद ईमानदार और साफ सुथरी कही जाती हे। बता दें कि डीएस चौहान 1988 बैच के डीजी रैंक अधिकारी हैं। वह मेहनती और कुशल अधिकारी माने जाते हैं।

इसी तरह वर्ष 1988 बैच में आरके विश्वकर्मा, डा. देवेन्द्र सिंह चौहान (IPS DS Chauhan), अनिल कुमार अग्रवाल, आनंद कुमार व असित कुमार पंडा भी दावेदार हैं। इसमें आनंद कुमार 2024 में रिटायर होंगे जबकि आरके विश्वकर्मा, डॉ. देवेन्द्र सिंह चौहान व अनिल कुमार अग्रवाल का सेवाकाल वर्ष 2023 तक है।उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी के लिए दावेदारों में वर्ष 1987 और 1988 बैच में ज्यादा दावेदारों में डीजी राजेन्द्र पाल सिंह का 2023 में और डीजी फायर विश्वजीत महापात्रा का रिटायरमेंट 2022 में है। 

UP DGP Mukul Goyal Removed: इससे पहले सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल उनके पद से हटा दिया। मुकुल गोयल (Mukul Goyal DGP UP) को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते DGP पद से मुक्त करते हुए डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया। मुकुल गोयल को 30 जून 2021 को उत्तर प्रदेश का डीजीपी नियुक्त किया गया था. नए डीजीपी के तैनाती तक एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार कार्यभार देखेंगे। मुकुल गोयल वह 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं. मुकुल गोयल (Mukul Goyal Kaun Hain) इसके पहले केंद्र में तैनात थे।

यूपी चुनाव से पहले मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश लाया गया था और सबसे बड़े सूबे के पुलिस की मुखिया की जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन अब योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के 1 महीने पूरे होने के बाद ही उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है। अभी नए पुलिस मुखिया का ऐलान नहीं हुआ है. मुकुल गोयल पर विभागीय कार्यों में रुचि ना दिखाने और अनुशासनहीनता का आरोप लगा है। मुकुल गोयल (Mukul Goyal) को लेकर काफी समय से यह चर्चा चल रही थी कि उनके ऊपर गाज गिर सकती है. क्योंकि जिस तरह से सूबे में फिर योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी हुई और प्रदेश में आपराधिक घटनाएं ताबड़तोड़ बढ़ी हैं उसको लेकर उन पर सवाल खड़े हो रहे थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें DGP के पद से मुक्त कर दिया है।

मुकुल गोयल (Mukul Goyal) को जानिए?

मुकुल गोयल (Mukul Goyal) का जन्म 22 फरवरी 1964 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुआ था। आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक बीटेक करने के बाद उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की है। 1987 में आईपीएस बनने के बाद मुकुल गोयल की पहली तैनाती बतौर एडिशनल एसपी नैनीताल में हुई थी। उस वक्त उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड का विभाजन नहीं हुआ था। प्रोबेशन पीरियड खत्म करने के बाद एसपी सिटी बरेली के तौर पर उनकी नियुक्त हुई। बतौर कप्तान मुकुल गोयल का पहला जिला अल्मोड़ा था। अल्मोड़ा के बाद वह लगातार कई जिलों के कप्तान रहे जिनमें जालौन, मैनपुरी, आजमगढ़, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर, मेरठ शामिल है। इसके बाद वह 2004 में आगरा कानपुर बरेली लिए रेंज के डीआईजी रहे. यहां से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार में उनकी तैनाती हुई। उन्हें डीआईजी आइटीबीपी बनाया गया था। 2009 में आईजी के पद पर प्रमोट होने के बाद उनके पास एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की जिम्मेदारी आ गई। उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 से पहले मुकुल गोयल को केंद्र से फिर उत्तर प्रदेश से भेजा गया था। 30 जून 2021 को उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसके बाद अब उन्हें हटा दिया गया है।

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