अवैध बूचड़खानों के खिलाफ प्रशासन कर रहा काम, पर बरेली में अभी भी ठंडा पड़ा है ये अभियान

ऐसा तब है जबकि बरेली में कई जगह पर बूचड़खाने संचालित हैं और जगह-जगह पर अवैध रूप से पशुओं का कटान भी होता है। अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।

Update: 2017-03-23 03:51 GMT

बरेली: प्रदेश भर में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ पुलिस प्रशासन अभियान चला रहा है, लेकिन बरेली में ये अभियान ठंडा पड़ा हुआ है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी बरेली के अफसर जिले में एक भी बूचड़खाने की तलाश नहीं कर पाए हैं जबकि बरेली में कई जगहों पर अवैध बूचड़खाने संचालित हैं।

अन्य जिलों में हो रही है बड़ी कार्रवाई

जिले में या तो अवैध बूचड़खाने बंद हो चुके हों या फिर अधिकारी ही ऐसे बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई का मन न बना पा रहे हों, वजह चाहे जो भी हो, लेकिन जिले में अभी तक किसी भी बूचड़खाने के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। ये आलम तब है, जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद से ही प्रदेश के कई जिलों में बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

बड़े स्तर पर हैं बूचड़खाने

बीजेपी के संकल्प पत्र में कहा गया था कि सरकार बनने के बाद अवैध बूचड़खानों और यांत्रिक कत्लखाने शपथ ग्रहण के बाद से ही बंद कर दिए जाएंगे, जिसका सरकार बनने के बाद कई जिलों में असर भी देखने को मिला जबकि बरेली में अभी तक ऐसे बूचड़खानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। ऐसा तब है जबकि बरेली में कई जगह पर बूचड़खाने संचालित हैं और जगह-जगह पर अवैध रूप से पशुओं का कटान भी होता है। बावजूद इसके यहां पर अधिकारियों ने अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।

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