हाईकोर्ट का फैसला, धारा गंभीर है तो नहीं मिलेगी प्रेमी युगल को राहत

Update: 2016-06-27 11:26 GMT

इलाहाबाद: परिवार की मर्जी के विरुद्ध विवाह करने वाले किसी प्रेमी युगल के खिलाफ अगर अपहरण जैसा कोई संगीन मुकदमा दर्ज है, तो उनको हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलेंगी। कोर्ट ने सोमवार को ऐसे दो मामलों में राहत देने से इंकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

अपहरण की धारा में राहत नहीं

-बदायूं के अनूप सिंह और मैनपुरी के कन्हई लाल की याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया।

-इन याचिकाओं में कहा गया था, कि वे लोग बालिग हैं और अपनी मर्जी से विवाह किया है लेकिन पुलिस उन्हें परेशान कर रही है।

-कोर्ट ने प्रदेश सरकार से याचीगण की रिपोर्ट तलब की थी।

-सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि अनूप सिंह के खिलाफ बदायूं के मजरिया थाने में और मैनपुरी के बनुआ थाने में कन्हईलाल के खिलाफ अपहरण के मुकदमे दर्ज हैं।

-न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

प्रेम विवाह में बड़ी मुसीबत

-उल्लेखनीय है कि अपनी मर्जी से शादी करने के बाद प्रेमीयुगल पुलिस से संरक्षण प्राप्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हैं।

-अदालत अब ऐसे मामलों में प्रेमी युगलों के संबंध में संबंधित थानों से रिपोर्ट मंगाती है।

-अगर पुलिस रिपोर्ट में किसी गंभीर मुकदमे की जानकारी मिलती है तो कोर्ट अब ऐसे लोगों को राहत नहीं देगी।

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