नोएडा : दो दिन की बारिश से नोएडा ग्रेटरनोएडा व खोड़ा में मौत का तांड़व शुरू हो गया है। दस दिनों में 13 जिंदगी असमय मौत के मुंह में समा चुकी हैं। दर्जनो इमारत भरभराकर गिर चुकी हैं। इसके साथ ही तमाम इमारतों को प्राधिकरण असुरक्षित घोषित कर सील कर चुका है। हालांकि इन सभी को प्राधिकरण ने अवैध बताया है।
प्राधिकरण तेजी से कार्यवाही कर रहा है। लेकिन यह कार्यवाही तब हो रही है जब शहर की जमीन दरकती जा रही है, लोग सहमे हुए है। सबसे ज्यादा डर ऐसे शहरवासियों को लग रहा है जो गगन चुंबी इमारतों में बसर कर रहे है। उनके बेसमेंट में पानी भर चुका है। उन्हें यह नहीं पता कि प्राधिकरण कब उनकी इमारत को असुरक्षित करार देकर सील कर दे।
कंकरीट के जंगल में तब्दील होते शहर की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अवैध निर्माण व घनत्व को दरकिनार कर किए गए निर्माण ने यहां की जमीन को खोखला कर दिया। पार्किंग के लिए बनाए बेसमेंट अब तरणताल बन चुके है। बारिश के बाद इन रिहाएशी व गगन चुंबी इमारतों के बेसमेंट में पानी भर रहा है। मिट्टी दरक रही है इमारते गिर रही हैं।
यह कोई नई बात नहीं है। गत वर्ष भी यह स्थिति हुई थी। लेकिन उस समय प्राधिकरण आंख बूंद कर बैठा था। शाहबेरी की घटना ने प्राधिकरण की आंखो पर पड़े पर्दे को हटाया। अब अवैध निर्माण के नाम पर इमारतों को धड़ा धड़ असुरक्षित करार देकर उन्हें सील किया जा रहा है। इन इमारतों में शो रूम, दुकान बनी है साथ ही कई परिवार भी यहां रह रहे है। इसमें से अधिकांश निर्माणाधीन इमारत हैं। जिनमें लोगों ने अपने घर बुक किए हुए है। इन सबको नजरअंदाज कर प्राधिकरण अपनी कार्यवाही करने में जुटा है। महज दस दिनों के अंदर प्राधिकरण ने 18 मकान को ध्वस्त किया।
हरौला में दो इमारत, झुंडपुरा में एक इमारत, गढ़ी चौंखडी में सात मंजिला एक इमारत, सात दुकानों को असुरक्षित करार देकर उन्हें सील कर दिया गया। इसके साथ ही 10 वर्क सर्किल अधिकारी अपने क्षेत्र में जर्जर इमारतों को सील करने की कवायद करने में जुटे है। हालांकि सील व असुरक्षित करार दी जाने वाले सभी इमारतों को प्राधिकरण ने अवैध बताया है।
जाहिर है इनका निर्माण एक दिन में नहीं किया गया। सालों से इनका निर्माण होता रहा। प्राधिकरण यह कदम शाहबेरी घटना के पहले भी उठा सकता था। लेकिन उसे किसी हादसे का इंतजार था। हादसे के बाद अब इन इमारतों को सील किया जा रहा है।
दस दिनों में बदल गई शहर व आसपास की सूरत
- शाहबेरी एक निर्माणाधीन इमारत छह मंजिला इमारत गिरी आठ की मौत
- बहरामपुर में निर्माणाधीन बिल्डिंग की बेसमेंट की दीवार गिरी दो की मौत
- गढ़ी चौखंडी में तीन मंजिला इमारत गिरी
- शिवालिक अस्पताल सेक्टर-71 बेसमेंट की दीवार गिरी प्राधिकरण को लाखों का नुकसान
- मुबारकपुर में स्कूल की दीवार गिरी
- बरौला में दीवार गिरी निजि संपंत्ति का नुकसान
- सेक्टर-34 में प्राधिकरण के फ्लैट की छत का प्लास्टर गिरा
- सेक्टर-34 बारात घर की चारदिवारी गिरी
- सेक्टर-12 में सड़क धसी
- खोड़ा में एक दीवार गिरने से बच्चे की मौत
- खोड़ में पंच मंजिला एक शो रूम की दीवार गिरी।
प्राधिकरण ने अब तक की कार्यवाही
- गढ़ी चौखंडी में सील सात मंजिला इमारत के साथ सात दुकानों को किया गया सील
- गढ़ी चौखंडी में 10 मकानों को किया गया ध्वस्त
- सेक्टर-71 में आठ अवैध निर्माण को किया गया ध्वस्त
- हरौला में दो इमारतों पर असुरक्षित होने के लगाए नोटिस
- अट्टा, मोरना छलेरा में अवैध निर्माण करने वाले 13 के खिलाफ कराए मुकदमे।
पहले की गई कार्यवाही
- गढ़ी चौखंडी में 16 बिल्डिंगो को किया गया सील सभी अवैध।
- बसई में 11 बिल्डिंगो को किया गया सील ।
- सर्फाबाद के अलावा कई अन्य गांवों में अवैध निर्माण को लेकर जारी नोटिस।
आरके मिश्रा अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा प्राधिकरण के मुताबिक जिन इमारतों के बेसमेंट में पानी भरा है। उनकी जांच के लिए टीमे लगाई गई हैं। वह अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे है। जो इमारत रहने के असुरक्षित है। उन पर नोटिस लगाकार खाली कराया जा रहा है। वहीं, अवैध निर्माण को ध्यस्त करने की कार्यवाही की जा रही है।