नोएडा: शाहबेरी घटना के बाद प्राधिकरण ने गांव व शहर में तीन मंजिला से अधिक की इमारतों को लेकर एक निरीक्षण अभियान चलाया। यह निरीक्षण चार श्रेणियों में किया गया। पहला असुरक्षित व जर्जर दूसरा अधिसूचित व अर्जित भवन पर अवैध कब्जा तीसरा अधिसूचित व अनार्जित भवन पर बनी इमारत व चौथा ग्राम की मूल आबादी में बनी बहुमंजिला इमारत। इसके तहत पहली श्रेणी में कुल 56 जर्जर व असुरक्षित भवन मिले। इसके साथ अधिसूचित व अर्जित क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों की संख्या 114 व अधिसूचित व अनार्जित भवन पर बहुमंजिला इमारतों की संख्या 261 व ग्राम की मूल आबादी में 1326 तीन मंजिला से अधिक की इमारतों को चिन्हित किया गया। इन सभी के खिलाफ प्राधिकरण अपने स्तर पर कार्यवाही कर रहा है।
असुरक्षित व जर्जर 56 इमारतों में से ग्राम इलाबांस एक भवन , नगला चरणदास में एक गढ़ी शहदरा में एक भवन को सील किया। अन्य जर्जर भवन के भूस्वामी को नोटिस जारी किया गया। ग्राम गढ़ी चौखंडी में 12 जर्जर भवन में से 10 को ध्वस्तीकरण करके हटाया गया। व अन्य को नोटिस जारी किया गया। इसी तरह ग्राम ममूरा में एक जर्जर इमारत को खाली कराया गया। निठारी में 17 जर्जर भू- स्वामियों के विरूद्ध में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। साथ ही 12 भू- स्वामियों को नोटिस जारी किए गए। हरौला , नयाबांस व झुंडपुरा में दो-दो जर्जर भवन पर असुरक्षित का नोटिस चस्पा किया गया। इसी तरह अधिसूचित व अर्जित भूमि पर अवैध बहुमंजिला भवन की संख्या 114 है। जिसमे 50 भवन को सील किया गया। रायपुर में चार भू- स्वामियों के खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज कराते हुए भवन को खाली कराया गया। 60 अन्य भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए गए। वहीं, 261 बहुंमजिला भवन प्राधिकरण के अधिसूचित व अनार्चित भवन पर निर्मित पाए गए। जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि अनार्जित भूमि पर अवैध बने बहुमंजिला भवन अवैध श्रेणी में आते हैं। इसी तरह 1326 भवन ग्राम आबादी में तीन मंजिला से अधिक निर्मित पाए गए। इन भवन के प्रकरण की भूलेख विभाग द्वारा खसरा संख्या के सत्यापन किया जा रहा है। यदि भवन अधिसूचित क्षेत्र का भवन तो नहीं हैं। यदि हैं तो वह अवैध माने जाएंगे। ग्रामों की मूल आबादी में बने भवन के संबंध में नीतिगत व विधि विभाग से सलाह मशवरा किया जा रहा है।
चार सदस्यीय समिति करेगी जर्जर इमारतों का परीक्षण
असुरक्षित एवं जर्जर भवन के परीक्षण का काम राईट्स कंपनी को सौंपा गया है। परीक्षण के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई गई है। इस समिति में प्राधिकरण के नियोजन विभाग का एक सदस्य, वर्क सर्किल का वरिष्ठ प्रबंधक, स्ट्रचरल इंजीनियर व राइट्स कंपनी का एक नामित अधिकारी शामिल होगा। परीक्षर के बाद तय किया जाएगा कि इमारत लोगों के रहने लायक है या नहीं। यदि रिपोर्ट निगेटिव आती है तो संबधित इमारत को खाली करवाकर उसे ध्वस्त कराया जाएगा। बताते चले प्राधिकरण के सभी विकासीय परियोजना की जांच करने का अधिकार राइ्टस कंपनी के पास ही है।
हटाए जाएंगे अवैध निर्माण
प्राधिकरण ने 114 बहुमंजिला इमारतों को अवैध की श्रेणी में रखा है। इन भवन को ध्वस्त किया जाएगा। जिसमे 50 के खिलाफ सीलिंग व नोटिस की कार्यवाही की जा चकी है। शेष भवन पर यथाशीघ्र नोटिस व सीलिंग की कार्यवाही की जाएगी। इन के खिलाफ जंच पड़ताल के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
सर्वे के बाद शुरू हुआ काजगी निरीक्षण
अक्सर प्राधिकरण पहले काजगी सर्वे करता था बाद में जमीनी। लेकिन शाहबेरी घटना के बाद प्राधिकरण ने पहले जमीनी सर्वे किया और अब काजगी दस्तावेज खंगालने का काम शुरू किया है। इसके तहत 261 बहुमंजिला इमारतों की एक सूची तैयार की है। यह वह इमारत है जो अधिसूचित व अनार्जित भवन पर है या नहीं इसका निरीक्षण किया जा रहा है। हालांकि प्राधिकरण स्पष्ट कर चुका है कि यहा बनी बहुमंजिला भवन अवैध की श्रेणी में ही आएंगे। इसी तरह गांवो की मूल आबादी में बने भवन पर कार्यवाही के लिए भवन नियमा वली का सहारा लिया जा रहा है।