नोएडा में कर्मचारियों की हड़ताल का मिलाजुला असर, इंडस्ट्रीज में राहत

नोएडा जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 25०० मरीजों की ओपीडी होती है। 1०० बेड के इस अस्पताल में शुक्रवार को 15० से ज्यादा मरीज एडमिट थे। नर्सो की हड़ताल के चलते मरीज परेशान रहे, हालांकि आपातकाल सेवाएं जारी रही। अधिकांश बसों के चक्के जाम रहे। ऐसे में सैकड़ों मुसाफिरों को टेक्सी और मैक्सी कैब का सहारा लेना पड़ा।

Update: 2016-09-02 14:47 GMT

नोएडा: शहर में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का मिला जुला असर देखने को मिला। संवेदनशील एनएसईजेड और हॉजरी कॉम्प्लेक्स में अधिकांश कंपनियां बंद रहीं। अस्पतालों और बस अड्डों पर हड़ताल का साफ असर दिखाई दिया। जो औद्योगिक इकाइयां खुली रहीं। हड़ताल के दौरान शहर में अतरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।

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ट्रेड यूनियनों की बाइक रैली

-ट्रेड यूनियनों ने शहर के औद्योगिक सेक्टर-6 से बाइक रैली निकाली।

-महिला संविदा कर्मचारियों ने भी सेक्टरों में घूमकर मांगों के लिए नारेबाजी की।

अस्पताल में असर

-नोएडा सेक्टर-3० के जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 25०० मरीजों की ओपीडी होती है। 1०० बेड के इस अस्पताल में शुक्रवार को 15० से ज्यादा मरीज एडमिट थे। नर्सो की हड़ताल के चलते मरीज परेशान रहे, हालांकि आपातकाल सेवाएं जारी रही।

-शहर में रोडवेज संविदा कर्मी भी हड़ताल में शामिल हुए। अधिकांश बसों के चक्के जाम रहे। ऐसे में सैकड़ों मुसाफिरों को टेक्सी और मैक्सी कैब का सहारा लेना पड़ा।

 

डबल शिफ्ट में काम

-हड़ताल से कंपनियों को नुकसान न हो इसके लिए कर्मचारियों से डबल शिफ्ट में काम लिया गया। हालांकि कई प्रबंधन इससे इनकार करते रहे।

-नोएडा प्राधिकरण ने सुबह से ही अपना गेट बंद रखा।

-शहर में एनएसईजेड, हॉजरी कॉम्प्लेक्स और औद्योगिक सेक्टरों में 5 हजार से ज्यादा छोटी बड़ी इंडस्ट्रीज हैं, जिनमें करीब ढाई लाख लोग काम करते हैं।

-इनमें से अधिकांश संविदा मजदूर हैं। हड़ताल इन्ही संविदा कर्मचारियों के लिए थी। ऐसे में हड़ताल उग्र रूप न ले इसका खास ध्यान रखा गया।

-पुलिस लाइन से अतरिक्त पुलिस फोर्स मंगाई गई थी। पुलिस ने सभी औद्योगिक सेक्टरों में फ्लैग मार्च किया।

तब हुआ था नुकसान

-ट्रेड यूनियन की इन्हीं मांगों को लेकर 2०13 में भी हड़ताल हुई थी। तब हड़ताली कर्मचारी उग्र हो गए थे।

-इस हड़ताल में करीब दो हजार से ज्यादा इंडस्ट्रियों में तोड़फोड़ की गई थी और सैकड़ों वाहन फूंक दिेए गए थे।

-हड़ताल से उद्यामियों को करोड़ों रुपए का नुकासन हुआ था।

-इसलिए कई उद्यमियों ने शुक्रवार को अपने संस्थान बंद रखे।

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