क्षय रोग और डाक विभाग में हुए करार पर काम शुरू, डाक द्वारा भेजे गए 23 सैंपल

डॉ जैन ने बताया टीबी जांच सैम्पल भेजने के लिए क्या-क्या सावधानी बरतनी होंगी, इस बारे में जिले के 25 पोस्टमैन को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

Update: 2020-08-11 17:15 GMT
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नोएडा: देश से वर्ष 2025 तक क्षय रोग (टीबी) के पूरी तरह से खात्मे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को तय समय सीमा से पहले पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में टीबी मरीजों के सैंपल की जल्द से जल्द बेहतर जांच हो सके। इसके लिए क्षय रोग विभाग और भारतीय डाक विभाग में करार हुआ है। जनपद गौतमबुद्ध नगर में इस करार के तहत काम शुरू हो गया है।

जांच के लिए भेजे गए टीबी सैंपल

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ शिरीश जैन ने बताया डाक विभाग से करार होने के बाद से अब तक जनपद से टीबी रोगियों के बलगम के 23 सैम्पल डाक विभाग द्बारा भेजे जा चुके हैं। जिले में यह काम 15 जुलाई 2020 से शुरू हो गया है। डॉ जैन ने बताया टीबी जांच सैम्पल भेजने के लिए क्या-क्या सावधानी बरतनी होंगी, इस बारे में जिले के 25 पोस्टमैन को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कोविड19 के चलते छोटे-छोटे समूह में पोस्टमैन को प्रशिक्षण दिया गया।

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इसके अलावा पोस्टल विभाग के अधिकारियों को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर प्रकिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया इससे पहले यह सैंपल कोरियर से भेजे जाते थे, उसमें समय अधिक लगता था। डाकियों को इसी बात का प्रशिक्षण दिया गया है कि किसी भी स्थिति में सैंपल तय समय में लैब तक पहुंच जाए। शासन ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले प्रदेश के पांच जिलों में यह कार्यक्रम नौ महीने पहले चलाया था। उसमें सफलता मिलने पर विभाग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में चलाया है।

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डॉ जैन ने कहा कि टीबी मरीजों के मामले में सबसे बड़ी चुनौती जांच जल्दी कराने की होती है। क्योंकि टीबी का एक मरीज अनजाने में न जाने कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। प्रदेश के छह जिलों लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ व वाराणसी में ड्रग कल्चर टेस्ट सेंटर हैं। जिला गौतमबुद्ध नगर के सैम्पल ड्रग कल्चर टेस्ट सेंटर आगरा भेजे जाते हैं। जिले में इस वर्ष जनवरी से जून माह तक करीब 3500 मरीज पंजीकृत हुए हैं।

कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी दवा की उपलब्धता बनाये रखी

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डॉ जैन ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण काल में भी विभाग ने टीबी के मरीजों को दवा की उपलब्धता बनाए रखी। न केवल गौतमबुद्ध नगर बल्कि अन्य जिलों से आये टीबी मरीजों को भी लगातार दवा उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान बड़ी संख्या में गौतमबुद्ध नगर जिले में बाहर के जिलों से लोग आते रहे, इनमें कुछ टीबी के मरीज भी थे।

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जिनका इलाज उनके जिले में चल रहा था। दवा का क्रम टूटे न इसलिये उन्हें यहीं से दवा उपलब्ध करायी गयी। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि शासन से उन्हें दो ट्रूनेट मशीन मिलीं हैं। फिलहाल इन मशीनों से कोविड19 की जांच की जा रही है, लेकिन बाद में टीबी की जांच इन्हीं से की जाएगी। ट्रूनेट मशीन आने से जिले के टीबी रोगियों की जांच में तेजी आयेगी।

रिपोर्ट- दीपांकर जैन

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