Yamuna Expressway Plot: सावधान प्लाट या मकान लेने वालों, पहले जरुर करें पड़ताल, यहां बडा फर्जीवाड़ा

Yamuna Expressway Plot: ऐसे में अगर आप भी यमुना एक्सप्रेस वे या फिर जेवर हवाईअड्डा के आसपास निवेश करने की सोंच रहे हैं तो हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जो आपके साथ होने वाली धोखाधड़ी से बचा सकती हैं।

Update:2023-08-29 10:13 IST
नोएडा का जेवर हवाईअड्डा (सोशल मीडिया)

Yamuna Expressway Plot: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में यमुना एक्सप्रेस पर इन दिनों खूब प्लाटिंग हो रही है, प्लाटिंग होने की खास वजह ये है कि जल्द ही भारत का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर हवाईअड्डा चालू होने वाला है। इसीलिए जेवर हवाईअड्डा के आसपास की प्रापर्टी के दाम आसमान छू रहे है, इसके बावजूद यहां लोग जमकर प्लाटों की खरीददारी कर रहे हैं। लेकिन, जो सबसे बडी़ वजह है वह है धोखाधड़ी। जिस हिसाब से प्लाट बिक रहे हैं उसी हिसाब से लोगों के साथ फ्राड भी देखने को मिल रहा है।

ऐसे में अगर आप भी यमुना एक्सप्रेस वे या फिर जेवर हवाईअड्डा के आसपास निवेश करने की सोंच रहे हैं तो हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जो आपके साथ होने वाली धोखाधड़ी से बचा सकती हैं।

- प्लाट खरीदने से पहले आपको प्लॉट साइट डेवलपर के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। डेवलपर का बैकगाउंड क्या है और उसका पिछला प्लॉट बेंचने का रिकार्ड कैसा रहा है।
- प्लाट खरीदने से पहले जमीन के असली मालिक के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए ताकि लैंड अथॉरिटी में दाखिल खारिज करवाते समय दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
- प्लॉट खरीदने से पहले आपको उस लैंड पार्सल की बीते 12 साल की हिस्ट्री देखनी चाहिए। ये भी पता करना चाहिए कि उस पर कोई विवाद तो नहीं है।
- वहीं, आप जिस प्लॉज की खरीददारी करने जा रहे हैं उसके बारे में यह भी पता करना चाहिए कि वह एग्रीकल्चरल है, रेजिडेंशियल है या कमर्शियल है।
- धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको उस प्लॉट से जुड़े कंस्ट्रक्शन अप्रूवल देखने चाहिए। इसी के साथ आपको ये देखना चाहिए कि जहां प्लॉटिंग हो रही है, उसकी कनेक्टिविटी क्या है? साइट डेवलपर कौन सी बेसिक सुविधाएं दे रहा है और उसने इलाके में सड़क, सीवेज, ड्रेनेज, बिजली और पार्क इत्यादि के लिए क्या प्लान बनाया है।
- यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास का काफी सारा इलाका यमुना बाढ़ डूब क्षेत्र के दायरे में आता है, इसलिए प्लॉट खरीदने से पहले तय कर लें कि कहीं प्लॉटिंग डूब क्षेत्र में हो नहीं की गई है। नहीं तो आपको बाद में पछताना पड़ेगा।

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