रेलवे का जादूः दोगुना हो गया किराया, न ट्रेनों का स्टॉपेज घटा- ना टाइम
रेलवे बोर्ड के गाइड लाइन के बाद पूर्वोत्तर रेलवे पैसेंजर ट्रेनें चलाने की कोशिशों में जुट गया। यात्रियों को भले ही राहत मिली लेकिन उन्हें डबल किराया देना होगा। वो भी तब जब रेलवे न तो स्ट्रेशनों पर स्टॉपेज की संख्या कम कर रहा है, न ही टाइमिंग।
गोरखपुर: रेलवे बोर्ड के गाइड लाइन के बाद पूर्वोत्तर रेलवे पैसेंजर ट्रेनें चलाने की कोशिशों में जुट गया। यात्रियों को भले ही राहत मिली लेकिन उन्हें डबल किराया देना होगा। वो भी तब जब रेलवे न तो स्ट्रेशनों पर स्टॉपेज की संख्या कम कर रहा है, न ही टाइमिंग। सिर्फ अनारक्षित टिकट वालों की एंट्री प्रतिबंधित कर रेलवे दोगुना किराया लेगा। आम लोगों से लेकर रेल यूनियन के लोग किराया बढ़ोतरी के इस फार्मूले को रेलवे का जादू करार दे रहे हैं।
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रेलवे बोर्ड से अनारक्षित टिकट पर पैसेंजर और डेमू-मेमू चलाने की मंजूरी मिल है। अब यह ट्रेनें अनारक्षित एक्सप्रेस के रूप में चलेंगी। सुविधाएं, स्टापेज, कोच सब कुछ पैसेंजर ट्रेन का लेकिन उसका नाम अनारक्षित एक्सप्रेस रहेगा। इससे जहां पहले पैसेंजर ट्रेन से गोरखपुर से गोण्डा का किराया 45 रुपये देना होता था वहीं इस ट्रेन से दोगुना यानी 90 रुपये किराया देना होगा। जबकि इन ट्रेनों से भी यात्रा में समय उतना ही लगेगा जितना लॉकडाउन के पहले चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों से लगता था।
32 डेमू-मेमू और पैसेंजर ट्रेन चलाने का प्रस्ताव
स्थानीय यात्रियों को सुविधा देने के लिए रेलवे बोर्ड के निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे तीनों मंडलों की 32 डेमू-मेमू और पैसेंजर ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव बोर्ड को भेजा था। बोर्ड ने सभी पर अपनी सहमति जताते हुए इन ट्रेनों को बतौर अनारक्षित एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की मंजूरी दे दी है। करीब 11 महीने से बंद चल रही डेमू, मेमू और पैसेंजर ट्रेनें पांच मार्च से अनारक्षित एक्सप्रेस ट्रेन के रूप में पटरी पर आने वाली हैं। एनईआर ने जिन ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव दिया है, उनमें गोरखपुर-गोण्डा, गोरखपुर-नौतनवा, गोरखपुर-बाराबंकी, सीतापुर-मैलानी, गोरखपुर-सीवान और गोरखपुर-छपरा पैसेंजर शामिल है। ये ट्रेनें बीते 23 मार्च से लॉकडाउन के समय से ही निरस्त चल रही हैं।
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गोण्डा का किराया 45 के बजाए 90 रुपये
पैसेंजर ट्रेन का गोरखपुर से गोण्डा का किराया 45 रुपये था, जो अब 90 रुपये होगा। इसी तरह गोरखपुर से नौतनवा का किराया जो पहले 25 रुपये था, वह 45 रुपये होगा। कर्मचारी नेता सुभाष दूबे कहते हैं कि सरकार रेलवे को प्राइवेट हाथों में बेचने से पहले हथकंडे अपना रही है। उसकी कोशिश है कि किराये को लेकर पहले ही ऐसा कुछ कर दें कि बाद में किसी प्रकार का विरोध नहीं हो। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर सैनिटाइजेशन के नाम पर 10 रुपये लिए जा रहे हैं। आखिर रेलवे पैसेंजर को कितना लूटेगी?
रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव