UP Tourism: अब सितारों पर नहीं बल्कि इन कैटगरीज पर चलेंगी होटल, बदले नियम
UP Tourism: ब्रान्ज, सिल्वर, गोल्ड, प्लेटिनम, डायमंड कैटगरी में होटलों को रखा जाएगा। राज्य सरकार की पहल पर एक साथ आए पर्यटन विभाग व होटल एसोसिएशन सुविधाओं के लिए निर्धारित मानकों को पूरा करने पर ही कैटगरी मिलेगी।
UP Tourism: पर्यटन क्षेत्र को उन्नत करने के लिए प्रदेश में होटल व्यवसाय का स्वरूप बदलेगा। छोटे से बड़े होटल पांच कैटेगरी में होंगे। कैटेगरी में तभी शामिल होंगे, जब तय मानकों पर सुविधाएं देगे। 800 से अधिक कानपुर के होटल कारोबारी इस दायरे में आएंगे। यूपी होटल क्लासिफिकेशन रजिस्ट्रेशन सिस्टम के तहत पर्यटन विभाग के पोर्टल पर होटलों का पंजीकरण होगा। प्रदेश के सभी होटलों को एक साल में रजिस्टर्ड करने का लक्ष्य है। रविवार को होटल लैंडमार्क में पर्यटन विभाग व उत्तर प्रदेश होटल एंड रेस्टारेंट एसोसिएशन की संयुक्त कार्यशाला में होटल इंडस्ट्री के बदलावों पर चर्चा हुई। कानपुर के 50 से अधिक होटल कारोबारी बैठक में शामिल रहे।
पर्यटन नीति 2022 के तहत पर्यटन और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए होटलों के विकसित होने व सुविधाओं से लैस होने को बेहद जरूरी माना गया है। यूपी होटल क्लासिफिकेशन रजिस्ट्रेशन सिस्टम के अंतर्गत अब हर होटल की अपनी कैटगरी होगी। सुविधाओं के आधार पर ब्रान्ज (1 स्टार), सिल्वर (2 स्टार), गोल्ड (3 स्टार), प्लेटिनम (4 स्टार), डायमंड (5 स्टार) कैटेगरी होगी। कारोबारी को अपने होटल की कैटेगरी खुद तय करनी होगी। उसी के हिसाब से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन भी किया जाएगा। हर कैटगरी के लिए अलग-अलग शर्ते रखी गई है।
संचालन, कागजी मजबूती और क्षेत्रफल पर खास जोर
राज्य सरकार की ओर से पांचों कैटगरी के लिए अलग-अलग नियम व शर्तें रखी गई हैं। हफ्ते में सातों दिन होटल के संचालन व कागजी तौर पर मजबूती यानी सभी तरह के जरूरी प्रमाणपत्रों को सभी के लिए जरूरी रखा गया है। वहीं बैडरूम, बाथरूम, किचन के अलावा साफ-सफाई, बेड, बिस्तर, पानी, बिजली से जुड़ी छोटी-छोटी बातों का ख्याल हर हाल में सभी के लिए अनिवार्य है। यहां तक हर कैटेगरी के लिए क्षेत्रफल का दायरा भी तय किया गया है। ब्रान्ज, सिल्वर होटलों के लिए 120-120, गोल्ड के लिए 130, प्लेटिनम व डायमंड कैटेगरी के लिए क्रमश: 140 व 150 स्क्वायर फीट जगह जरूरी है।
नहीं कर सकेंगे हेराफेरी, कमेटी करेगी स्थलीय निरीक्षण
पर्यटन विभाग के पोर्टल में होटलों का रजिस्ट्रेशन होने से ग्राहकों को भी काफी आसानी होगी। सबसे बड़ी बात सुविधाओं के नाम पर हेराफेरी पर रोक लगेगी। साथ ही पोर्टल पर मिली कैटेगरी के आधार पर ग्राहक भी होटल को आसानी से चुन सकेंगे। वहीं आवेदन करने के बाद विभागीय जांच के पश्चात कमेटी स्थलीय निरीक्षण भी करेगी। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक, पर्यटन निगम के मैनेजर, होटल एंड रेस्टोरेंट, नॉदर्न इंडिया, ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के सदस्य कमेटी में शामिल किए गए हैं।
कितनी बदलेगी तस्वीर :
- पर्यटकों का झुकाव तेजी से बढ़ेगा
- होटल कारोबार और उन्नत होगा
- प्रदेश का आर्थिक ढांचा होगा मजबूत
- होटलों को हाउस व वाटर टैक्स में आधी छूट
- होटलों में जरूरी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध
इन मुख्य सुविधाओं पर फोकस :
- होटलों में जरूरी सुविधाएं हर हाल में उपलब्ध
- साफ-सफाई व खानपान में लापरवाही नहीं
- आग बुझाने के उपकरण व जांच भी जरूरी
- मेटल डिटेक्टर,कैमरे समेत सुरक्षा संबंधी उपाय
- पुलिस, अस्पताल, फायर बिग्रेड के नंबर की जानकारी
रजिस्ट्रेशन करने का बताया गया तरीका
होटल लैंडमार्क में रविवार को कार्यशाला में पर्यटन विभाग के उपनिदेशक डॉ. कल्याण सिंह, आईटी सेक्टर के कमल शुक्ला ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के अलावा तमाम नियमों के बारे में जानकारी दी। कारोबारियों के सवालों का जवाब भी दिया। करीब दो घंटे की कार्यशाला में बताया गया कि पर्यटन संग होटल कारोबार को बढ़ाना देना ही मकसद है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार जायसवाल, विकास मल्होत्रा, ज्ञानू जायसवाल, राजकुमार भगतानी आदि मौजूद रहे।
डॉ. कल्याण सिंह, उपनिदेशक, पर्यटन विभाग के अनुसार पर्यटन व पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए होटल को सुविधाओं से परिपूर्ण होना बेहद जरूरी है। विभाग की ओर से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। होटलों को रजिस्ट्रेशन पांच कैटेगरी में होगा। जिसके पास जैसी सुविधा, उसको वैसी कैटेगरी में रखा जाएगा। कानपुर में रविवार को होटल कारोबारियों को पोर्टल में रजिस्टेशन व सिस्टम की जानकारी दी गई। विकास मल्होत्रा, बोर्ड सदस्य, होटल एंड रेस्टारेंट एसोसिएशन नॉदर्न इंडिया के अनुसार यह अवसर होटल कारोबार को और उन्नत करने वाला है। पर्यटकों का झुकाव तेजी से होगा, क्योंकि उन्हें पहले से जानकारी होगी कि किस होटल में क्या सुविधा है। होटल संचालकों को भी हाउस व वाटर टैक्स में 50 फीसदी तक छूट मिलेगी। साथ ही होटल संचालकों को भी तमाम जरूरी प्रमाणपत्र रखने ही होंगे।