बजट की सौगात : अब सरकारी और प्राइवेट दोनों ट्रेनों पर सवारी होगी मजेदार

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान रेलवे के लिए कई महत्वपूर्ण ऐलान किए। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल और मेट्रो प्रोजेक्ट में पीपीपी मॉडल के जरिए निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में रेलवे ट्रैक के लिए पीपीपी मॉडल को मंजूरी प्रदान कर दी है।

Update:2019-07-05 15:47 IST

नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान रेलवे के लिए कई महत्वपूर्ण ऐलान किए। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल और मेट्रो प्रोजेक्ट में पीपीपी मॉडल के जरिए निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में रेलवे ट्रैक के लिए पीपीपी मॉडल को मंजूरी प्रदान कर दी है। वित्तमंत्री ने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल से रेलवे के विकास में तेजी आएगी।

वित्तमंत्री ने साफ, सुरक्षित और समयबद्ध रेल यात्रा पर जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2019-20 के बजट में 300 किलोमीटर मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई है।

इस वर्ष 657 किलोमीटर नए मेट्रो रेल नेटवर्क पर संचालन शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही रेलवे किराए में सुधार के लिए आदर्श किराया कानून बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया। इसके जरिए रेलवे यात्रियों की जरूरत, सुविधाओं और विभाग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किराया तय करेगी।

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प्राइवेट ट्रेनों में प्रीमियम सुविधाएं

बजट में रेलवे से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण ऐलान यह रहा कि मोदी सरकार रेलवे में निजी भागीदारी के साथ देश में पहली बार प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है। इसके जरिये सरकार की योजना है कि निजी भागीदारों को पर्यटन वाले रूट पर चुनिंदा ट्रेनें संचालित करने की अनुमति दी जाए। सरकार की 100 दिन की योजना के तहत दो ट्रेनें संचालन के लिए आईआरसीटीसी को दी जाएंगी। इसका मकसद ट्रेन यात्रियों को प्रीमियम सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

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पीपीपी मॉडल से पूरी होंगी जरुरतें

निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2030 तक रेलवे आधारभूत ढांचे को 50 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का इस्तेमाल किया जाएगा। इन परियोजनाओं को वर्ष 2030 तक पूरा होना है। इसमें रेल पटरी के विस्तार और सुधारीकरण के साथ स्टेशन का ढांचा भी शामिल होगा। स्टेशनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का लक्ष्य है, ताकि वहां हर तरह की सुविधा मौजूद हो। बजट में रेल और मेट्रो की 300 किलोमीटर की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। बजट में राष्ट्रीय परिवहन कार्ड का ऐलान किया गया, जिसका उपयोग सडक़, रेलवे समेत परिवहन के सभी साधनों में किया जा सकता है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार माल वहन के लिए नदी मार्ग का उपयोग करने की परिकल्पना भी कर रही है, ताकि सडक़ एवं रेल मार्ग पर भीड़भाड़ के कारण रूकावटें कम हो सकें।

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यात्री सुविधाओं व सुरक्षा पर जोर

वित्तमंत्री ने कहा कि हमारा जोर रेल यात्रियों की सुविधाओं व सुरक्षित रेल यात्रा पर है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशनों और ट्रेनों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत 100 करोड़ रुपये से भी कम लागत में देश में बनाई गई वंदे भारत एक्सप्रेस या ट्रेन 18 भारतीय रेलवे की फ्लैगशिप ट्रेन में शामिल है। हम अपनी इस उपलब्धि का केवल बखान नहीं कर रहे बल्कि यह बताना चाहते हैं कि आगे भी हम इस तरह की ट्रेनों को बनाने का काम जारी रखेंगे।

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यात्री किराए में बढ़ोतरी नहीं

वित्तमंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे प्रदूषण मुक्त अभियान के तहत ग्रीन एनर्जी पर फोकस कर रही है। इसके तहत पुराने डीजल इंजनों का आधुनिकीकरण कर उन्हें इलेक्ट्रिक इंजन बनाया जा रहा है। मेक इन इंडिया अभियान के तहत इंजनों के आधुनिकीकरण का काम देश में ही किया जा रहा है। हाल में एक डीजल इंजिन को इसी अभ्यान के तहत इलेक्ट्रिक इंजन में बदला गया है। वित्तमंत्री की रेलवे संबंधी घोषणाओं में सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि यात्री किराए में किसी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। मतलब यात्री किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं

उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशनों के जीर्णोद्धार के लिए इस वर्ष एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें स्टेशनों के सौंदर्यीकरण करने की योजना भी शामिल है। इसके योजना के तहत रेलवे ने बांद्रा टर्मिनस, कोलकाता व कानपुर सेंट्रल समेत देश के 22 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसका मतलब साफ है कि सरकार इन रेलवे स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मुहैया कराना चाहती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे किराए में सुधार के लिए आदर्श किराया कानून बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया। इस कानून के जरिए रेल यात्रियों की जरूरत, सुविधाओं और विभागीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे किराया तय करेगी।

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रेलवे के आधुनिकीकरण में सबसे ज्यादा जोर ट्रैक और सिग्नलिंग के आधुनिकीकरण पर दिया जा रहा है। जल्द ही यूरोपीयन सिग्नलिंग इन्फ्रास्ट्रक्टर को अपनाने पर भी विचार कर रहा है। इससे रेल यात्रा तेज होने के साथ ही सुरक्षित भी होगी।

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