लखनऊ : यूपी में रायबरेली के ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन) प्लांट में हुए हादसे में दर्जनों मौतें हुई थी। योगी सरकार अब ऐसी घटनाओं से निपटने की तैयारी कर रही है। अधिकारियों और कर्मचारियों को एक्सपर्ट की मदद से इंडस्ट्रियल हजार्ड से निपटने के गुर सिखाए जाएंगे। आगामी 15 जनवरी को मथुरा रिफाइनरी में हो रही मॉक ड्रिल इसी दिशा में उठाया गया कदम है। मॉक ड्रिल में आसपास के जिलों के पुलिस अफसरों को भी बुलाया गया है, ताकि वक्त रहते किसी भी तरह की स्थति से निपटने की तैयारी रहे।
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मथुरा रिफाइनरी में होने वाले माक ड्रिल में एनडीएमए मुंबई से एक्सपर्ट बुलाए जा रहे हैं। यूपी में ऐसे 15 से 20 जिले हैं, जहां औद्योगिक इकाइयां हैं। उन इकाइयों से प्रतिनिधियों को भी ड्रिल में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया है। ताकि वह भी समझ सके कि औद्योगिक आपदाओं के समय किस तरह कम समय में लोगों को राहत पहुंचाई जा सके। मॉक ड्रिल में आगरा, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ, हाथरस, कासगंज, एटा, बुलन्दशहर, मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ, नोयडा, ग़ाज़ियाबाद से पुलिस अफसरों को बुलाया गया है। मॉक ड्रिल के लिए एक टीम मथुरा पहुँच चुकी है। 45 मिनट की इस मॉक ड्रिल में अफसरों को किसी भी आपदा से निपने के लिए ट्रेनिंग दी जायेगी।
राहत आयुक्त संजय कुमार का कहना है कि हमारा मकसद औद्योगिक इकाईयों में होने वाली किसी आपदा से निपटने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना है। ड्रिल में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों को इससे जुड़े ट्रेनिंग माडयूल दिए जाएंगे। वह अपनी इकाईयों में जाकर अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके महत्व के बारे में बताएंगे। इस माक ड्रिल में निदेशक उदयोग को भी आमंत्रित किया गया है।
कमिश्नर आगरा के राममोहन राव और राहत आयुक्त संजय कुमार की देखरेख में यह हाई सेंसिटिव मॉक ड्रिल होगी। मथुरा रिफाइनरी देश की सब से बड़ी और एशिया की तीसरे नम्बर की रिफाइनरी है। इसी लिए मॉक ड्रिल के लिए मथुरा रिफाइनरी को चुना गया है। सरकार ने किसी बड़े हादसे के फौरी राहत के एसडीआरएफ के गठन और ट्रेनिंग के लिए भी बजट रिलीज़ कर दिया है