लखनऊ: यूपी में रोजगार न मिलने के कारण पढ़े-लिखे कुंवारों की संख्या बढ़ रही है। मुद्दा सामाजिक है। यहीं कारण है कि लोक लाज के डर से अब तक युवा इस मुद्दे पर चुप रहते थे। पर अब इसको लेकर उनकी आवाज मुखर होने लगी है। बुधवार को राजधानी में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जब उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संविदा पर तैनात अनुदेशकों ने इसी मुद्दे को जोर-शोर से उठाते हुए कहा कि स्थायी रोजगार न मिल पाने के कारण उनकी शादियां तक नहीं हो पा रही हैं।
अखिलेश और डिम्पल की निकाली बारात
अनुदेशकों ने सीएम अखिलेश यादव और डिम्पल यादव की बाकायदे गाजा-बाजा के साथ बारात निकालकर शादी भी कराई।
शिक्षा मित्रों को भी झेलना पड़ा है इसका दंश, कहीं शादी टूटी तो कहीं लगा अड़ंगा
सितम्बर 2015 में हाईकोर्ट ने जब शिक्षामित्रों की नियुक्ति को अवैध बताया था तब शिक्षामित्रों को भी इसका दंश झेलना पड़ा था। कानपुर के विधूना ब्लाक में नियुक्त एक शिक्षामित्र की उसी समय कुछ महीनों पहले शादी तय हुई थी। पर हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद लड़के ने ही शादी से इंकार कर दिया। इससे अलग एक स्कूल में नियुक्त सहायक अध्यापक ने बताया कि शादी तय हो गई है। हाईकोर्ट का यह फैसला आने के बाद से लड़की वालों की तरफ से कई तरह के अड़ंगे लगाए जाने लगें।
सामाजिक स्तर पर पड़ा असर : उदय प्रताप
यूपी किसान मित्र एसोसिएशन के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह कहते हैं कि प्रदेश भर में 52,335 किसान मित्र थे पर यह योजना बंद कर दी गई। एकाएक योजना बंद किए जाने से इसका सामाजिक स्तर पर असर निश्चित पड़ा। इन लोगों को एक हजार रुपए मानदेय के तौर पर और 220 रुपए यात्रा भत्ता दिया जाता था।
23 लाख पीएचडी धारकों और इंजीनियरों ने मांगी थी चपरासी की जाॅब
बीते साल यूपी सचिवालय में चपरासी पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इसमें कुल 23 लाख अर्जियां आईं। इसमें न्यूनतम शैक्षिक योग्यता पांचवीं पास थी और पांचवीं पास उम्मीदवार 53426 थे। छठी से बारहवीं पास उम्मीदवारों की संख्या बीस लाख से ज्यादा थी। इनमें 7.5 लाख इंटर पास थे। इसके अलावा 1.52 लाख उच्चशिक्षित, जिसमें विज्ञान, वाणिज्य और कला से ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट थे साथ ही 255 अभ्यर्थी पीएचडी धारक थे। इस भर्ती में आए अर्जियों के आंकड़े यूपी में बेरोजगारी की भयावह तस्वीर पेश करते हैं।
लाखों पद रिक्त हैं, बेरोजगार सड़क पर खा रहे लाठी
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बेरोजगारी भत्ते का वादा कर सत्ता में आई सरकार युवाओं को रोजगार दे नहीं पा रही है। इसका असर उनकी शादियों पर भी पड़ रहा है। यह चिंता का कारण है। विभागों में लाखों पर रिक्त हैं फिर भी बेरोजगार सड़क पर लाठियां खा रहे हैं।