UP News: अब्बास अंसारी पर कंन्नी काटते दिखे राजभर, बोले एनडीए मीटिंग के बाद होगा तय

UP Politics: राजभर राष्ट्रीय जनतांत्रिकक गठबंधन (राजग) की बैठक में रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सपा नें पछले विधानसभा चुनाव में सीटों के आवंटन में धोखेबाजी की।

Update:2023-07-18 18:17 IST
Om Prakash Rajbhar target akhilesh yadav (Photo-Social Media)

UP Politics: कभी समाजवादी पार्टी के साथ बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की कसमे खाने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एनडीए में शामिल होते ही सपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 में उन्हें धोखा दिया गया। राजभर राष्ट्रीय जनतांत्रिकक गठबंधन (राजग) की बैठक में रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सपा नें पछले विधानसभा चुनाव में सीटों के आवंटन में धोखेबाजी की।

अब्बास अंसारी को अखिलेश यादव ने दिया टिकट

राजभर ने बताया कि सपा ने 13 सीटों अब्बास अंसारी सहित सभी पर अपने उम्मीदवार उतारे लेकिन चुनाव चिन्ह हमारा दिया। राजग की बैठक में चर्चा के बाद अब्बास अंसारी के विषय पर बात करेंगे और उसी के अनुसार आगे कार्य करेंगे। बता दें कि अब्बास अंसारी मुख्तार अंसारी का बेटा है, जो इस समय जेल में बंद है। उन्होंने कहा कि पहले सपा के विधायकों की संख्या 47 थी लेकिन पिछली विधानसभा चुनाव में संख्या बढ़कर 125 हो गई। लेकिन इस बार फिर उनकी हार निश्चित है।

सपा का हार तय

राजभर ने कहा कि सपा का कुछ वोट संजय निषाद काटेंगे, कुछ अनुप्रिया पटेल और दारा सिंह चौहन काटेंगे बाकी बचा वोट मैं काटूंगा। उनके पास सीर्फ विपक्षी पार्टी का विकल्प बचेगा। पूछे जाने पर की क्या कैबिनेट में कोई पद मांगा है तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। 2024 में गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने और मंत्री बनने के ख्याहिस पर उन्होंने कि ये सब अपवाह है। राजभर नें कहा कि राजग की मीटिंग में शामिल होने वाले प्रत्येक दल देश विकास और पिछड़ो, दलितों के हितों की बाते रखेंगे। इसी राह पर आगे काम होगा।

रजभर राजग की मीटिंग में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में ओपी राजभर की मजबूत पकड़ है। इस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी सीटों पर सुभासपा का खासा प्रभाव है। ओपी राजभर राजग की मीटिंग में भाग लेने के लिए दिल्ली निकल गए। उनके बेटे और पार्टी के प्रधान महासचिव अरविन्द राजभर बताया कि राजग से उनका पहले भी 2017 में गठबंधन था। लेकिन कुछ वैचारिक मतभेद के चलते ज्यादा दिन नहीं चल पाया। इस बार उन सभी मुद्दों को सुलझाकर फिर से गठबंधन किया गया है।

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