माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि को अक्षयवट-पातालपुरी मंदिर खोलने की मांग, सुनवाई 5 को

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माघी पूर्णिमा व महाशिवरात्रि 19 फरवरी व 4 मार्च को अक्षयवट पातालपुरी मंदिर प्रयागराज को बंद करने के खिलाफ याचिका को सुनवाई हेतु 5 मार्च को पेश करने का निर्देश दिया है।

Update: 2019-02-14 14:42 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माघी पूर्णिमा व महाशिवरात्रि 19 फरवरी व 4 मार्च को अक्षयवट पातालपुरी मंदिर प्रयागराज को बंद करने के खिलाफ याचिका को सुनवाई हेतु 5 मार्च को पेश करने का निर्देश दिया है। भारी भीड़ के कारण मेला प्रशासन ने मुख्य स्नान पर्वाें पर त्रिवेणी बांध स्थित महत्वपूर्ण मंदिरों को बंद रखने का फैसला लिया है।

इसी को चुनौती दी गयी है। कोर्ट ने याची से पूछा है कि यदि मंदिर खोलने से कोई अप्रिय घटना होती है तो क्या मंदिर प्रशासन जिम्मेदारी लेगा। कोर्ट ने इस आशय का याची को हलफनामा दाखिल करने का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस.बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने अक्षयवट सेवा संस्थान प्रयाग के सचिव रवीन्द्रनाथ योगेश्वर की याचिका पर दिया है।

याचिका पर भारत सरकार के अधिवक्ता सभाजीत सिंह ने प्रतिवाद किया और कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण मेला प्रशासन ने ऐसा निर्णय लिया है, याची का कहना है कि वह पंजीकृत संस्था है जिसका 24 फरवरी 18 को पांच साल के लिए नवीनीकरण हो चुका है। सम्राट अकबर ने किले के भीतर पातालपुरी मंदिर का निर्माण कराया है तभी से याची संस्था के सचिव का परिवार मंदिर की पूजा अर्चना कर रहा है।

22 नवम्बर 18 को याची ने मेलाधिकारी को प्रत्यावेदन दिया है किन्तु उस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। मेला प्रशासन के मनमाने निर्णय से याची के पूजा के अधिकार का हनन हो रहा है साथ ही श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन करने से रोका जा रहा है। याचिका की सुनवाई 5 मार्च को होगी।

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