लाॅकडाउन: पहले दिन बेपरवाह नजर आए लोग, फिजिकल डिस्टेंसिंग व मास्क से बेखबर

वैश्विक कोरोना महामारी की चपेट में आए अपने यूपी के कन्नौज जिले को ऑरेंज जोन में रखा गया है। चार मई से शुरू हुए तीसरे चरण के लॉकडाउन में मामली छूट दी गई है, लेकिन लॉकडाउन चलेगा।

Update: 2020-05-04 19:29 GMT

कन्नौज: वैश्विक कोरोना महामारी की चपेट में आए अपने यूपी के कन्नौज जिले को ऑरेंज जोन में रखा गया है। चार मई से शुरू हुए तीसरे चरण के लॉकडाउन में मामली छूट दी गई है, लेकिन लॉकडाउन चलेगा। पहले दिन कहीं भीड़ दिखी तो कहीं सन्नाटा दिखा। सड़कों पर कई लोग संक्रमण की परवाह किए बिना न तो मास्क लगाए थे और न ही रूमाल या अंगौछा बांधे दिखे। एक-एक बाइक पर दो से लेकर तीन सवारियां बैठकर चालकों ने फर्राटा भरे।

कस्बा व गांव में तो भीड़ कहीं-कहीं खूब दिखी। बैंक शाखाओं में प्रतिदिन की अपेक्षा ज्यादा भीड़ दिखी। पहले दिन शहरी क्षेत्र के शराब ठेकों पर तो अधिक भीड़ नहीं दिखी, लेकिन आबकारी विभाग में न तो लोग मास्क लगाए थे और न ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे। खास बात यह है कि यहीं पर जिला आबकारी अधिकारी भी बैठते हैं, इसके बाद भी यह हाल दिखा। दर्जा प्राप्त एक पूर्व राज्यमंत्री भी स्टॉक लेने आए थे।

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फिजिकल डिस्टेंसिंग का दावा झूठा

मंगलवार को लॉकडाउन में फिजिकल डिस्टेंसिंग के दावे हवा-हवाई नजर आए। पालन कराने वाले तो लापरवाह दिखे, खुद जो व्यक्ति सम्बंधित सरकारी ऑफिसों, बैंक शाखाओं व निजी प्रतिष्ठानों के बाहर दिखे वह कोरोना वायरस से बेपरवाह रहे। सड़कों पर भी लोग वाहनों से खूब इधर-उधर चले।

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ट्रांसपोर्ट के कार्यालय बंद दिखे

लॉकडाउन के तीसरे चरण में ट्रांसपोर्ट को छूट दी गई है, लेकिन शहर में कार्यालय बंद दिखे। यातायात चौकी से शहर जाने वाले मार्ग पर स्थित ट्रांसपोर्ट के कार्यालय के बाहर तीन-चार ट्रक तो खड़े थे, लेकिन कार्यालय बंद था। हालांकि आवश्यक सेवाओं की सूचना चस्पा कर कई वाहन मार्गों पर दिखे।

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ज्यादातर बाजार बंद रहे

शहर में ज्यादातर बाजार बंद रहे। कुछ लोगों ने अहतियात के तौर पर बाजार बंद रखे तो कुछ जानकारी के अभाव में बंद दिखे। डीएम राकेश मिश्र की ओर से जो छूट सम्बंधी आदेश जारी हुआ, वह चार मई को सुबह बताया गया, जिससे लोगों को नई जानकारी ही नहीं हो सकी।

तिर्वा तहसील परिसर में टूटा नियम

तहसील परिसर तिर्वा में दोपहर के वक्त यहां बैठने वालों के अलावा फरियादियों व ग्रामीणों की खूब भीड़ दिखी। कुछ अधिवक्ताओं के कक्षों के बाहर तख्त व ब्रेंच पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का मजाक बनाते हुए लोग बतियाते रहे। न तो जिम्मेदार आगे आए और भीड़ लगाने वालों ने भी ध्यान नहीं दिया।

रिपोर्ट: अजय मिश्रा

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