हाईकोर्ट: जानलेवा कैनिन डिस्टेम्पर वायरस की सुरक्षा बगैर कैसे आयोजित हो रहे डॉग शो
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुत्तों से फैलने वाली कैनिन डिस्टेम्पर वायरस (सी.डी.वाई.) जानलेवा बीमारी से सुरक्षा प्रमाणपत्रों के बिना प्रदेश भर में आयोजित होने वाले डॉग शो पर चिंता प्रकट की है और कहा है कि यह घातक बीमारी न केवल जानवरों अपितु मनुष्यों के जीवन के लिए घातक है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुत्तों से फैलने वाली कैनिन डिस्टेम्पर वायरस (सी.डी.वाई.) जानलेवा बीमारी से सुरक्षा प्रमाणपत्रों के बिना प्रदेश भर में आयोजित होने वाले डॉग शो पर चिंता प्रकट की है और कहा है कि यह घातक बीमारी न केवल जानवरों अपितु मनुष्यों के जीवन के लिए घातक है। कोर्ट ने 10 जनवरी 14 को जारी सर्कुलर का कड़ाई से पालन करने तथा अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निदेशक पशुपालन का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 10 मई को होगी।
यह भी पढ़ें.....Deputy CM डा. शर्मा ने तीन परीक्षा केंद्रों का किया औचक निरीक्षण , मचा हड़कंप
यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस.बघेल तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खण्डपीठ ने डा.संदीप कुमार पाल की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि कैनिन डिस्टेम्पर वायरस कुत्तों से फैलने वाली जानलेवा बीमारी है जिसका फैलाव 32 किलोमीटर तक होता है। यह मनुष्यों सहित शेर व चीते के लिए जानलेवा बीमारी है। वायरस फ्री होने के प्रमाणपत्र के बगैर डॉग शो करने पर रोक लगाने का सरकुलर जारी किया गया किन्तु उस पर अमल नहीं किया जा रहा है। प्रदेश भर में आयोजित होने वाले डॉग शो में देश-विदेश से कुत्ते शामिल होते हैं और बिना सुरक्षा प्रमाण पत्र के शो आयोजित किये जा रहे हैं। एक जनहित याचिका पर डायरेक्टर पशुपालन विभाग ने 10 जनवरी 14 को सरकुलर जारी कर वायरस फ्री होने का प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया है।
यह भी पढ़ें.....इलाहाबाद हाईकोर्ट: मोबाइल फोन हैकिंग में SSP को कदम उठाने का निर्देश
याची का यह भी कहना है कि वायरस से इटावा लॉयन सफारी पार्क में 11 शेरों की मौत हो चुकी है। दुधवा टाइगर रिजर्व, पन्ना टाइगर रिजर्व में भी मौतों की रिपोर्ट है। गिर नेशनल फारेस्ट गुजरात में पिछले वर्ष 37 शेरों की मौत हो गयी। कोर्ट ने डायरेक्टर पशुपालन से पूछा है कि सरकुलर लागू करने के क्या कदम उठाये गये हैं और सरकुलर का पालन किये बगैर प्रदेश में कैसे डॉग शो हो रहे है। कोर्ट ने डायरेक्टर से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि यदि 10 मई तक अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल नहीं किया गया तो कोर्ट निदेशक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। याचिका की सुनवाई दस मई 19 को होगी।