यादव सिंह प्रकरण:नोएडा भूमि घोटाले में पंकज जैन की याचिका खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने करोड़ों के नोएडा भूमि घोटाले में यादव सिंह के साथ सह अभियुक्त जेएसपी प्रोजेक्ट के पूर्व डायरेक्टर पंकज जैन की याचिका खारिज कर दी है। साथ ही सीआरपीसी की धारा 88 को वैध करार दिया। और इस धारा के तहत सरेंडर करने पर याची को हिरासत में लेने का सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद के आदेश को सही ठहराया है। यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस वीके

Update: 2018-02-02 15:52 GMT

इलाहाबाद:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने करोड़ों के नोएडा भूमि घोटाले में यादव सिंह के साथ सह अभियुक्त जेएसपी प्रोजेक्ट के पूर्व डायरेक्टर पंकज जैन की याचिका खारिज कर दी है। साथ ही सीआरपीसी की धारा 88 को वैध करार दिया। और इस धारा के तहत सरेंडर करने पर याची को हिरासत में लेने का सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद के आदेश को सही ठहराया है।

यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस वीके सिंह की खंडपीठ ने दिया है।

याचिका में कहा गया था कि सरेंडर अर्जी देने पर विशेष अदालत को व्यक्तिगत बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश देना चाहिए था। ऐसा न करके विशेष अदालत ने गलती की है।याचिका में सीआरपीसी की धारा 88 को मनमानी एवं अतार्किक बताते हुए उसकी संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। मामले के तथ्यों के अनुसार सीबीआई ने याची के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है,जिसमें उसे सुप्रीम कोर्ट तक राहत नहीं मिली।उसके बाद सीबीआई ने सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल की तो सम्मन के बाद जमानती वांरट जारी हुआ।इस पर याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा कि वह दो सप्ताह में सरेंडर करके जमानत अर्जी दाखिल करेगा।

हालांकि याची ने ऐसा करने की बजाय सुप्रीम कोर्ट में याचिका की लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली तो सरेंडर की अर्जी देकर व्यक्तिगत बंधपत्र पर रिहाई की मांग की।सीबीआई कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए याची को हिरासत में लेने का निर्देश दिया। सीबीआई का कहना था कि याची पर धोखे से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये के नुकसान का आरोप है। साथ ही उसने सरेंडर कर जमानत अर्जी दाखिल करने के आदेश का अमल भी नहीं किया।याची का कहना था कि उसने सरेंडर किया है और व्यक्तिगत बंधपत्र पर रिहाई की अर्जी दी है।साथ ही ट्रायल में सहयोग के लिए तैयार है।कोर्ट इस पर समहत नहीं हुई और कहा कि याची की मांग कानून के अनुरूप नहीं है।

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