योग महोत्सव का आयोजन, चिदानन्द सरस्वती ने कहा- व्यक्ति को योग्य बनाता है योग
योग महोत्सव में विश्व के 37 देशों से आये श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रातः कालीन सत्र का शुभारम्भ योगाचार्य युवा दायलान द्वारा कराये गये युवा योग से हुआ। प्रातः से सायं कालीन सत्र में योग, ध्यान, योग निद्रा, मुद्रा और आसनों का अभ्यास भारत सहित विश्व के अनेक देशों से आये योगाचार्यो ने कराया।
आशीष पाण्डेय
प्रयागराज: परमार्थ निकेतन शिविर अरैल क्षेत्र सेक्टर 18 प्रयागराज में सात दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय योग शिविर का आयोजन किया गया। योग गुरू स्वामी रामदेव , परमार्थ निकतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, जीवा की अन्तरराष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, फिल्म निर्माता एवं निर्देशक सुभाष घई , मालिनी अवस्थी, जर्मनी में जन्मे एवं वृन्दावन से आये स्वामी परमअद्वैती, बेरितो कोबाडिया, गेगोडियो हेक्कोने, तोनलवीत, राहुल गुटीयेरेज, ताइता जुलियो, मावो लोवेन्जो, अल्फानसो गोन्जालेस, सिल्वे क्वेलाक, चेरिल अन्जेल, बिस्कुन्वी, माविया लनेस और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ किया।
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योग महोत्सव में विश्व के 37 देशों से आये श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रातः कालीन सत्र का शुभारम्भ योगाचार्य युवा दायलान द्वारा कराये गये युवा योग से हुआ। प्रातः से सायं कालीन सत्र में योग, ध्यान, योग निद्रा, मुद्रा और आसनों का अभ्यास भारत सहित विश्व के अनेक देशों से आये योगाचार्यो ने कराया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम को साकार करने के लिये योग एक प्रयोग है। योग, व्यक्ति को योग्य बनाता है और उस योग्यता का उपयोग समाज के लिये, पर्यावरण के लिये, नदियों के लिये तथा पूरी धरती
को प्रदूषण मुक्त करने के लिये करें।
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उन्होने कहा कि योग से नये-नये प्रयोग करे और उन प्रयोगों का उपयोग विश्व बन्धुत्व के लिये, समरसता, सद्भाव, संस्कार, संस्कृति और शान्ति की स्थापना के लिये करें। चिदानन्द ने कहा, योग का प्रयोग अब पर्यावरण संरक्षण के लिये भी हो। योग के साथ-साथ पर्यावरण योग भी बहुत जरूरी है। हमें पृथ्वी को बचाना है, तो पर्यावरण को बचाना होगा। आज योग की शक्ति को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है उन्होने इसका श्रेय नरेन्द्र मोदी को दिया।
योग, रोगों से मुक्ति का माध्यम है: रामदेव
योगगुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि योग, रोगों से मुक्ति का माध्यम है। योग के माध्यम से हम परमपिता परमात्मा की निकटता प्राप्त कर सकते है। हमारे हर कर्म में, जीवन में योग का समावेश होना चाहिये। उन्होने कहा कि योग करेंगे तो निरोगी होगे और उपयोगी होगे अर्थात समाज के लिये उपयोगी होगे। स्वामी रामदेव ने विश्व के अनेक देशों से आये सभी योग प्रतिभागियों का संगम की धरती प्रयागराज में अभिनन्दन किया।
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योग पूरी दुनिया को आपस में जोड़ता है: भगवती
जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती ने कहा कि योग अर्थात जोड़ना। योग पूरी दुनिया को आपस में जोड़ता है। योग, स्वयं से जोड़ता है, समाज से जोड़ता है और पूरी दुनिया से जोड़ता है।
सुभाष घई ने कहा कि मैं 32 वर्षो से योग कर रहा हूं। योग के द्वारा आप अपने समाज को और बेहतर दे सकते है और समाज के लिये कुछ बेहतर कर सकते है। चिदानन्द सरस्वती एवं योगगुरू स्वामी रामदेव के सान्निध्य में सभी विशिष्ट अतिथियों ने विश्व शान्ति यज्ञ में आहूतियां प्रदान की तथा विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।
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अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव में युवा दायलन तथा योगाचार्य दीपिका मेहता, योगाचार्य चन्द्रेश भारद्वाज, योगाचार्य अमेरिका से कीया मिलर भी सहभाग कर रहे है। इस शिविर में विश्व के लगभग 37 देशों से अधिक यथा भारत, स्पेन, ब्राजील, पूर्तगाल, चीन, मैक्सिको, क्रेच, बेल्जियम, अमेरिका, कोलम्बिया, बोलबियेनो, नीदरलैण्ड, पेरू, अर्जेन्टीना, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, इटली, नार्वे, चीली, जर्मनी, तिब्बत, रूस, इजरायल एवं अन्य देशों के योग साधकों और श्रद्धालुओं ने सहभाग किया।