PCS:उम्र सीमा व अवसर में कटौती पर आयोग ने दिया जवाब, जानिए क्या है पूरा मामला

पीसीएस परीक्षा में आवेदन करने वालों की आयुसीमा घटाने की चर्चा के बीच प्रतियोगी छात्रों ने विरोध में आवाज बुलंद की। उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर सैकड़ों छात्रों ने प्रदर्शन करके किसी भी प्रकार का बदलाव न करने की मांग की।

Update: 2020-01-07 05:12 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पीसीएस परीक्षा में शामिल होने के लिए निर्धारित आयु सीमा में न तो कोई कटौती करने जा रहा है न ही अवसर की बाध्यता लागू करने जा रहा है। इस मसले पर आयोग में सोमवार को प्रदर्शन करने पहुंचे प्रतियोगी छात्रों के समक्ष आयोग के सचिव जगदीश ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। सचिव से आश्वासन मिलने के बाद सभी प्रतियोगी छात्र वहां से लौट गए।

 

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बता दें कि पीसीएस परीक्षा में आवेदन करने वालों की आयुसीमा घटाने की चर्चा के बीच प्रतियोगी छात्रों ने विरोध में आवाज बुलंद की। उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर सैकड़ों छात्रों ने प्रदर्शन करके किसी भी प्रकार का बदलाव न करने की मांग की। खबर थी कि पीसीएस परीक्षा में आवेदन करने की आयुसीमा 40 साल है। इधर, छात्रों को पता चला कि आयोग पीसीएस में आवेदन की आयुसीमा घटाने की तैयारी कर रहा है। कुछ दिनों पहले चर्चा शुरू हो गई थी कि आयोग पीसीएस में शामिल होने के निर्धारित आयु सीमा में कटौती और अवसर की बाध्यता लागू करने पर विचार कर रहे है। इस चर्चा के सामने आने के बाद राज्यभर में प्रतियोगी छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया और आयोग अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सोमवार को हजारों की संख्या में छात्र आयोग के बाहर इकट्ठा हो गए। बवाल की आशंका को देखते हुए आयोग परिसर के आसपास बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई और आयोग की ओर जाने वाले रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया।

 

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एक घंटे तक चले धरना-प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से प्रतियोगी छात्रों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आयोग के सचिव जगदीश से मिलने पहुंचा। प्रतियोगी छात्रों की चार प्रमुख मांगें रखीं। उनकी मांगें थीं कि आयु सीमा में कटौती और अवसर में बाध्यता लागू न की जाए, अवर अधीनस्थ की परीक्षा पूर्व की भांति आयोग कराए, पीसीएस प्री में पद के मुकाबले 13 गुना की जगह पहले की तरह 18 गुना अभ्यर्थियों को पास किया जाए और पीसीएस मुख्य परीक्षा में पूर्व की भांति समाज कार्य एवं रक्षा अध्ययन विषय को शामिल किया जाए। सचिव ने छात्रों को बताया कि आयु सीमा में कटौती और अवसर की बाध्यता लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। पीसीएस प्री में 13 गुना अभ्यर्थियों को पास किए जाने का निर्णय आयोग ने लिया है, सो अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदन को आयोग के समक्ष रखा जाएगा। समाजकार्य और रक्षा अध्ययन विषय को शामिल किए जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मसले पर हाईकोर्ट को जो भी आदेश होगा, उसका अनुपालन किया जाएगा।

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