इटावा के जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत, मरीज परेशान
इटावा के डॉ भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्थित महिला एमसीएच विंग कोविड-19 में 100 शैय्या कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अस्पताल बनाया गया है।
इटावा: सरकार और अधिकारियों के दावे की पोल खोलती तस्वीरें कैमरे में कैद, ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे जनपदवासी, जिला अस्पताल के एल 2 कोविड विंग में ऑक्सीजन से बेहाल मरीज, तीमारदारों को मरीज की जिंदगी बचाने के लिए खुद दर बदर ठोखरें खाने के बाद लाना पड़ रहा। ऑक्सीजन सिलेंडर, कोविड अस्पताल में सिलेंडर लाते तीमारदारों का एक्सलूसिव वीडियो कैमरे कैद हुआ। तीमारदारों ने कहा कोई व्यवस्था नहीं कोविड अस्पताल में गैस बेल्डिंग की दुकान से लेकर आए ऑक्सीजन,अधिकारी ऑक्सीजन की किल्लत की बात को सरेआम नकारते दिखाई दे रहे है।
प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे वादे कर रही है और जिलों के अधिकारी भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सब कुछ सही दिखाने और बताने में जुटे हुए हैं। इसके बाद इटावा के डॉ भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्थित महिला एमसीएच विंग कोविड-19 में 100 शैय्या कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अस्पताल बनाया गया है। जिसमें जिले में ऑक्सीजन की कमी तस्वीरें देखने को मिली। जहां तीमारदार अपने मरीज के लिए हॉस्पिटल में खुद सिलेंडर लेकर आते दिखाई दे रहे हैं।
हालांकि प्रदेश सरकार लगातार बड़े-बड़े दावे कर रही है कि उत्तर प्रदेश में किसी प्रकार से ऑक्सीजन या स्वास्थ्य सेवाओं की कोई कमी नहीं है। वहीं जिले के स्वास्थ्य अधिकारी भी जिले में ऑक्सीजन व स्वास्थ्य सेवाओं की किल्लत की बात को नकारते दिखाई दे रहे हैं। लेकिन अधिकारियों के स्वास्थ्य सेवाओं के खोखले दावों की तस्वीरे कैमरे में कैद हो गई। जहां पर कोविड-19 अस्पताल में तीमारदार अपने मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल के अंदर जाता दिखाई दे रहा है।
वही जिला अस्पताल में बैठे रोते बिलखते तीमारदार अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की मीडिया के सामने पोल खोलते दिखाई दे रहे है लेकिन आलाधिकारी इस मामले पर साफ झूठ बोलकर अपनी नाकामियों को छुपाते दिखाई दे रहे है।
इस मामले पर महिला जिला अस्पताल के सीएमएस अशोक जाटव से बात की गई तो उन्होंने अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी ना होने की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए। वहीं जिले के स्वास्थ्य अधिकारी सीएमओ डॉक्टर एनएस तोमर से जब इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने जिला अस्पताल में ऑप्शन सिलेंडर की कमी की बात को सिरे से नकार दिया। जिले में ऑक्सीडेंट की भारी किल्लत है जिसके कारण मरीजों को मरीजों के तीमारदार द्वारा दर-दर ठोकर खाकर ऑक्सीजन सिलेंडर लाने पर मजबूर दिखाई दे रहे हैं।
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