लखनऊ हिंसा के तीन सूत्रधार गिरफ्तार, तीनों इस प्रतिबंधित संगठन के सदस्य
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीती 19 दिसम्बर को राजधानी में हिंसा भड़काने तथा उपद्रव करने के लिए लोगों को उकसाने वाले तीन लोगों को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीती 19 दिसम्बर को राजधानी में हिंसा भड़काने तथा उपद्रव करने के लिए लोगों को उकसाने वाले तीन लोगों को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस इन तीनों को ही इस पूरी हिंसा व उपद्रव का सूत्रधार मान रही है। गिरफ्तार तीनों आरोपी प्रतिबंधित संगठन पापलुर फ्रंट आफ इण्डिया (पीएफआई) के सदस्य है और इनके पास से पुलिस ने कई धार्मिक उन्माद की किताबे, विरोध किये जाने के बैनर, सीडी, पोस्टर आदि बरामद किये हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि हजरतगंज पुलिस ने इन्दिरानगर के विकास भवन ए ब्लॉक निवासी वसीम अहमद और उसके साथी बाराबंकी निवासी नदीम और अशफाक को गिरफ्तार किया है।
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वसीम पापुलर फ्रंट ऑफ इण्डिया (पीएफआई) का प्रदेश अध्यक्ष है तो नदीम प्रदेश कोषाध्यक्ष और अशफाक क्षेत्रीय अध्यक्ष है। पूछताछ में वसीम ने बताया कि उसने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर 19 दिसम्बर को शहर में उग्र प्रदर्शन को लेकर व्यापक रणनीति बनायी थी।
सोशल मीडिया का विभिन्न ग्रुप बनाकर मैसेज प्रसारित करके अधिक से अधिक संख्या में लखनऊ पहुंचने की अपील की गई थी। साथ ही व्यक्तिगत रुप से लखनऊ और आसपास के जिलों में जनसम्पर्क करके अधिक से अधिक लोगों को लखनऊ आने के लिए कहा गया था।
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रिहाई मंच के सदस्य मोहम्मद शोएब, रॉबिन वर्मा गिरफ्तार
एसएसपी ने बताया कि इससे पहले रिहाई मंच के सदस्य मोहम्मद शोएब, रॉबिन वर्मा को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। इसके अलावा शामली में पीएफआई की एडहाक कमेटी के सदस्य मौलाना शादाब, डा. नावेद व 11 अन्य पीएफआई के सदस्य विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज करके जेल भेजे गए हैं।
एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों के पास से एनआरसी के विरोध को लेकर 26 तख्तियां, 29 झंडे, 100 पैम्पलेट्स, 36 पेपर कटिंग बरामद की गई है। सभी को जेल भेजकर अन्य लोगों की धरपकड़ की जा रही है।
बताते चले कि राजधानी लखनऊ में जुलाई में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पोस्टर चिपके मिले थे। इससे पहले लखनऊ से सटे बाराबंकी में पीएफआई के पोस्टर चिपके मिले थे।
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