Pilibhit: वरुण गांधी के बगावती सुर ! बोले- देश में तरक्की तो हो रही, लेकिन सबकी नहीं...आम आदमी संकट में

Pilibhit News: पीलीभीत सांसद बोले, आजादी के समय महात्मा गांधी ने कहा था कि हिंदुस्तानियो को कभी भी किसी के सामने झुकना नहीं पड़ेगा। लेकिन, यह आज सच साबित नहीं होता।

Report :  Pranjal Gupata
Update:2024-01-29 22:42 IST

पीलीभीत में सांसद वरुण गांधी (Social Media) 

Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी सोमवार (29 जनवरी) को अपने संसदीय क्षेत्र दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। वरुण गांधी ने कहा कि, देश में तरक्की तो हो रही है। इसमें सबका हिस्सा होना चाहिए, मगर ऐसा नहीं हो रहा। उन्होंने ये भी कहा कि, 'मेनका गांधी, वरुण गांधी का पीलीभीत है। इसीलिए मैं कहता हूं कि यहां की हर जीत, हर हार मेरी होगी।'

सांसद सबसे पहले जहानाबाद नगर पंचायत चैयरमैन ममता गुप्ता पत्नी दुर्गाचरण गुप्ता उर्फ अन्ना भैया के बड़े बेटे शिवा गुप्ता की सड़क दुर्घटना में हुई मृत्यु पर उनके आवास पर पहुंचे। परिवारजनों को ढांढस बंधाया। शोक जताया। इसके बाद वरुण गांधी अमरिया ब्लॉक व ललौरीखेड़ा ब्लॉक के दर्जनों गांव में जनसंवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता की समस्यायों को सुना।

'आज देश को ईमानदार नेता की जरूरत'

सांसद वरुण गांधी ने दौरे के दौरान जनसंवाद कार्यक्रम में जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद से लेकर एक दौर क्रांति नेतृत्व का था। मगर, आज आज देश में एक ऐसा नेतृत्व है जो देश की चिंता के साथ नेता अपनी चिंता भी करने लगे। आजकल राजनीति में जो आ रहे हैं वो सिर्फ अपना हित कर रहे हैं। आज देश को ऐसे नेता की जरूरत है, जो ईमानदार हो। आज एक ऐसा भारत बनना चाहिए जिसमें ऐसी भावना हो जिसमें सबके सपनों की कीमत हो।'

वरुण गांधी- हिंदुस्तानियो को झुकना न पड़े 

पीलीभीत सांसद बोले, आजादी के समय महात्मा गांधी ने कहा था कि हिंदुस्तानियो को कभी भी किसी के सामने झुकना नहीं पड़ेगा। लेकिन, यह आज सच साबित नहीं होता। क्योंकि, आज इस आजाद देश में जब आप किसी पुलिस स्टेशन या अधिकारी के सामने जाते हैं तो आपको काम के लिए लोगों के आगे झुकना पड़ता है'।

मेनका गांधी, वरुण गांधी का पीलीभीत है

उन्होंने आगे कहा, 'इस देश में नई व्यवस्था में नए राजा, नए अंग्रेज कहां से आ गए? मैं ऐसा देश देखना चाहता हूं, कि आदमी अपनी बात बिना डरे रख सके। वरुण गांधी का कभी न कभी विरोध करते हैं। क्या कभी गांधी परिवार ने रंजिश के साथ से काम किया, क्या हमने दुश्मनी किसी के साथ निकाली? क्या हमने किसी पर केस लगवाया? क्या किसी को हमने उठवाया? हमने कहा कि, पीलीभीत मेरा परिवार है। हम उसके मुखिया हैहैं। हमने यह सोचा कि ये सब मेरा परिवार है। मेनका गांधी, वरुण गांधी का पीलीभीत है। इसीलिए मैं कहता हूंकि यहां की हर जीत, हर हार मेरी होगी।'

सरकार कानून बना दे तो सिस्टम खुद सुधर जायेगा 

सांसद वरुण गांधी ने आगे कहा कि, 'गांव के भीतर जो लोग अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं, उनसे कहा जाता है आप बेहतर इलाज के लिए लखनऊ, दिल्ली जाइए। मैंने कहा, इसका इलाज बहुत जल्दी हो सकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य का मुद्दा भी वैसा ही है। उसको लेकर सांसद, विधायक, डीएम, एसपी सभी वीआईपी के लिए सरकारी स्कूल में पढ़ाने व सभी के परिवार के इलाज सरकारी अस्पताल में कराए जाने का सरकार कानून बना दे तो सभी सिस्टम अपने आप सुधर जाएगा। जब उन पर आम आदमी की मार पड़ेगी।'

'मेरी बेटी भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है'

वरुण गांधी ने बताया, 'मेरी बेटी भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। बड़े नेता, अफसरों के बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं। इलाज भी प्राइवेट अस्पतालों में होता है। इसीलिए मैं कह रहा हूं कि, सभी सांसद, विधायक, नेता अफसरों पर आम इंसान की मार नहीं पड़ेगी तब तक उनकी समझ में आम आदमी का दर्द समझ में नहीं आएगा। मैंने अखबार में पढ़ा कई उद्योगपतियों के करोड़ों की लागत के लोन माफ हुए। क्योंकि, वे उद्योगपति रोजगार पैदा करते हैं। आप लोगों का कोई लोन माफ हुआ है। वरुण गांधी ये नहीं कह रहे कि, आप किसी अमीर का गर्दन काट दो वरुण गांधी कहते हैं कि सबको बराबर की छूट बराबर का अधिकार मिले।'

'आदमी अपने हालातों में मजबूती से खड़ा है'

उन्होंने कहा, 'ये देश बहुत महान देश है। क्योंकि, हमारा दिल बड़ा है। यहां आदमी संकट झेलने के बाद भी आदमी अपने हालातों के मजबूती से खड़ा रहता है। पूरे देश में एक करोड़ सरकारी नौकरी के पद खाली हैं। क्योंकि, इस पैसे से 80 से 90 करोड़ लोगों को आटा दाल चना मिल रहा है। मैं आटा दाल चना का विरोध नहीं करना है। इससे भी लोगों का भला हो रहा है। अगर, तीन-चार महीने के लिए आटा दाल चना दो अच्छी बात है लेकिन इसके साथ ही आप एक करोड़ लोगों को नौकरी दे देते तो लगभग 5 करोड़ों लोगों को मजबूती हो जाती है। देश नारे से नहीं देश नीति से चलता है।'

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