मंदिर के खिलाफ याचिका की सुनवाई गंगा प्रदूषण मामले के साथ होगी

याचिका में निर्माण को कोर्ट के गंगा से 500 मीटर के भीतर निर्माण पर रोक के विपरीत मानते हुए ध्वस्त किये जाने की मांग की गयी है।

Update: 2019-05-27 13:18 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दारागंज प्रयागराज त्रिवेणी बांध मोरी नाले के पास गंगा से 100 मीटर के भीतर हुए लाल जी मंदिर के खिलाफ जनहित याचिका गंगा प्रदूषण मामले के साथ सुनवाई हेतु पेश करने का आदेश दिया है।

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यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस.एस. शमशेरी की खंडपीठ ने अधिवक्ता पं.राम चन्द्र शर्मा की जनहित याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि बाबूलाल भुजवा ने 15 जनवरी 1954 में जमीन मंदिर को दान में दी थी जिसमे हनुमान व शिव का मंदिर है। याची का कहना है कि मोरी नाले पर बिना नक्शा पास कराए अनी निर्मोही अखाडा के महंत राजेंद्र दास बनवा रहे है। इन्हें अखाडा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी का संरक्षण प्राप्त है।

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याचिका में निर्माण को कोर्ट के गंगा से 500 मीटर के भीतर निर्माण पर रोक के विपरीत मानते हुए ध्वस्त किये जाने की मांग की गयी है।

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