PM Modi Ayodhya Visit: पीएम मोदी के अयोध्या दौरे से निकला बड़ा संदेश, सनातन संस्कृति को नई धार देने की कोशिश
PM Modi Ayodhya Visit: पीएम मोदी के अयोध्या दौरे से बड़ा संदेश निकला है कि वे सनातन संस्कृति को नई धार देने की कोशिश में भी जुटे हुए हैं।;
PM Modi Ayodhya Visit।
PM Modi Ayodhya Visit: केदारनाथ (Kedarnath Dham) और बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) में पूजा-अर्चना के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुछ दिनों पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन में महाकाल लोक के पहले चरण का भी उद्घाटन किया था। अब करीब दो साल बाद प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या दौरे से बड़ा संदेश निकला है। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान भगवान राम की नगरी दीपों की रोशनी से नहा उठी। प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार अयोध्या के दीपोत्सव में हिस्सा लिया है।
पीएम मोदी ने रामनगरी को करीब 37,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की दी सौगात
कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 की सियासी जंग से पहले पीएम मोदी अयोध्या के दीपोत्सव में शामिल होना सियासी नजरिए से भी काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रामनगरी को करीब 37,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात भी दी है। अयोध्या में दीपोत्सव के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने अयोध्या सहित देश के अन्य प्रसिद्ध धर्मस्थलों को सजाने और संवारने का काम शुरू किया है। इसी देश में कभी राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाते थे मगर अब माहौल बदल चुका है।
पहली बार दीपोत्सव के साक्षी बने पीएम मोदी
प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत की थी। इस साल छठी बार भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया मगर प्रधानमंत्री मोदी पहली बार इस दीपोत्सव के साक्षी बने। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का कार्यक्रम तय होने के बाद राज्य सरकार और अयोध्या के लोगों ने इस दीपोत्सव को भव्यतम रूप देने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी।
इसी कारण अयोध्या के छठे दीपोत्सव में 15 लाख दीप प्रज्वलित करने का विश्व रिकॉर्ड बनाने में कामयाबी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा विभिन्न देशों के राजदूत और कई अन्य वीवीआईपी भी इस भव्य दीपोत्सव के साक्षी बने। भगवान राम के राजतिलक के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्पों की वर्षा की गई और राम की नगरी मर्यादा पुरुषोत्तम के जयकारे से गूंज उठी।
राम मंदिर निर्माण से मोदी का कनेक्शन
अपनी मौजूदा यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी 5 अगस्त 2020 को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की शुरुआत करने के लिए अयोध्या पहुंचे थे। इस दौरान देश के कई प्रसिद्ध संतों और महंतों का अयोध्या में जमावड़ा लगा था। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से शुरुआत किए जाने के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण काफी जोरों से चल रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से भी अयोध्या को भव्यतम रूप देने के लिए तमाम विकास योजनाएं चलाई जा रही हैं। केंद्र सरकार भी इस संबंध में पूरी तरह मददगार की भूमिका में नजर आ रही है।
लंबे समय से उलझा अयोध्या का विवाद प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में ही सुलझ सका। यद्यपि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है मगर इसका काफी कुछ श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को भी मिला है। राम मंदिर का मुद्दा पहले ही भाजपा का सियासी ग्राफ॔ बढ़ाने में काफी मददगार रहा है और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद यह मुद्दा आगे भी भाजपा के लिए सियासी नजरिए से मददगार बना रहेगा।
काशी और उज्जैन से भी दिया संदेश
प्रधानमंत्री मोदी काशी से सांसद है और उन्होंने काशी में विश्वनाथधाम कॉरिडोर का भी पिछले साल लोकार्पण किया था। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि काशी विश्वनाथधाम कॉरिडोर का निर्माण शुरू करने के समय काफी संख्या में लोग कहा करते थे कि इस योजना को पूरा करना संभव नहीं होगा मगर बाबा विश्वनाथ की कृपा और सभी लोगों के सहयोग से हम इस कॉरिडोर का निर्माण करने में कामयाब हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी हाल में महाकाल के दरबार में उज्जैन भी पहुंचे थे और उन्होंने महादेव का विशेष दर्शन और पूजन किया था। उज्जैन में भी राज्य और केंद्र सरकार की मदद से भव्य महाकाल लोक का निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण का काम पूरा हो चुका है और दूसरे चरण का काम अगले साल पूरा होने की उम्मीद है।
धार्मिक सरोकारों के प्रति समर्पण
अभी दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में पूजा करने के लिए भी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने करीब 3400 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण किया था। इसी साल प्रधानमंत्री ने प्रमुख संत जगद्गुरु रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण किया था।
सियासी जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी धार्मिक सरोकारों के प्रति अपनी समर्पण की भावना का संदेश देने में कामयाब हुए हैं। इसके साथ ही वे सनातन संस्कृति को नई धार देने की कोशिश में भी जुटे हुए हैं।
भाजपा को मिल सकता है बड़ा सियासी लाभ
जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में मोदी की इन कोशिशों से भाजपा को बड़ा सियासी लाभ मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इस साल हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव के बाद अगले साल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश सहित 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
इन विधानसभा चुनावों के बाद 2024 की बड़ी सियासी जंग होगी। सियासी जंग के दौरान धार्मिक सरोकारों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता भाजपा को बड़ा सियासी फायदा पहुंचाने वाली साबित हो सकती है।