शताब्दी वर्ष: LU की आज होगी ऐतहासिक संध्या, शाम 5 बजे PM मोदी करेगें संबोधित
लखनऊ यूनीवर्सिटी के 100वें वर्ष में प्रवेश पर गत 19 नवम्बर से कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हुआ था। इस दौरान परिसर में एक साइंस फेस्टिवल का आयोजन किया गया है।
लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष का आज समापन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शाम पांच बजे इस कार्यक्रम का समापन करेगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अलावा केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगी। प्रधानमंत्री मोदी को इस समारोह में वर्चुअल शामिल होने के लिए स्थापना दिवस पहले ही एलयू प्रशासन ने पीएम कार्यालय में आग्रह भेजा था, जिसको स्वीकार कर लिया गया है।
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लखनऊ यूनिवर्सिटी के 100वें वर्ष में प्रवेश पर गत 19 नवम्बर से कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हुआ था
उल्लेखनीय है कि लखनऊ यूनीवर्सिटी के 100वें वर्ष में प्रवेश पर गत 19 नवम्बर से कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हुआ था। इस दौरान परिसर में एक साइंस फेस्टिवल का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रदेश भर के साइंटिफिक संस्थानों के स्टॉलों के अलावा यूनिवर्सिटी के साइंस विभागों में बने म्यूजियम भी खोले गए थें। इन दिनों शताब्दी वर्ष समारोह के कारण पूरा लखनऊ यूनिवर्सिटी कैंपस रोशनी से जगमगा रहाहै। इसमें कई पूर्व छात्र हिस्सा ले चुके हैं।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खान, कनार्टक के रामकृष्ण हेगड़े, पंजाब के सुरजीत सिंह बरनाला और असम के हितेश्वर सैकिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री एनकेपी साल्वे भी इसी परिसर से एलएलबी करके निकले और बाद में बड़े नेता और क्रिकेट प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह इस विश्वविद्यालय के अध्यापक रहे हैं। 1948 के आजादी के बाद हुए पहले दीक्षांत समारोह में यहां तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी आए थे।
विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर बादशाहबाग, और दूसरा परिसर जानकीपुरम में स्थित है
लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में हुई थी एलयू भारत में उच्च शिक्षा के सबसे पुराने सरकारी स्वामित्व वाले संस्थानों में एक है। जो यूपी सरकार द्वारा संचालित है। विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर बादशाहबाग, और दूसरा परिसर जानकीपुरम में स्थित है। लखनऊ विश्वविद्यालय से करीब 160 महाविद्यालय संबंद्ध हैं। इस विश्वविद्यालय का संबंध अनुदान आयोगय राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालय संगठन भारतीय विश्वविद्यालय संगठन दूरस्थ शिक्षा परिषद से है। विश्वाद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद से सर्टीफाईड भी है।
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राजा महमूदाबाद की इस भूमि पर उच्च शिक्षा का ये बड़ा केंद्र शुरू हो चुका था
लखनऊ विश्वविद्यालय के अतीत पर गौर करें तो सन 1864 के आखिरी दशक में एक स्कूल शुरू किया गया जो बाद में कैनिंग कॉलेज में बदला। 1920 में कैनिंग कॉलेज जब लखनऊ विश्वविद्यालय में परिवर्तन किया गया। तब राजा महमूदाबाद की इस भूमि पर उच्च शिक्षा का ये बड़ा केंद्र शुरू हो चुका था। शुरुआत में छह विभाग होते थे, जिनमें भाषा के उच्च ज्ञान को प्राथिमकता दी गई थी। हिंदी, संस्कृत, फारसी मुख्य थे। धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते आज लखनऊ विश्वविद्यालय में विभागों की संख्या 50 हो चुकी है।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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