मोदी ने जो कहा था, वो कर दिखाया, 29 साल पहले दिया था ये बयान

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम के रूप में मोदी का मौजूदा अयोध्या पूरा इसीलिए काफी महत्वपूर्ण बन गया। मोदी हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का दर्शन करने के बाद भूमिपूजन के कार्यक्रम में शामिल हुए।

Update: 2020-08-05 13:02 GMT
ram mandir bhoomi pujan

अंशुमान तिवारी

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 साल बाद अयोध्या पहुंचकर अपने बयान को सच साबित कर दिखाया है। 2014 में देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने देश- दुनिया का खूब दौरा किया मगर वे अयोध्या कभी नहीं आए। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम के रूप में मोदी का मौजूदा अयोध्या पूरा इसीलिए काफी महत्वपूर्ण बन गया। मोदी हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का दर्शन करने के बाद भूमिपूजन के कार्यक्रम में शामिल हुए।

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जोशी के साथ अयोध्या पहुंचे थे मोदी

अयोध्या के मौजूदा दौरे से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1991 में अयोध्या पहुंचे थे। 29 साल पहले पूछे गए एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा था कि वह यहां वापस तभी आएंगे जब राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा। उस समय मोदी भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या पहुंचे थे। अयोध्या में 1991 में नरेंद्र मोदी की कही गई बात 5 अगस्त 2020 को सच साबित हुई जब मोदी राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए अयोध्या पहुंचे।

इस कारण पूरी नहीं हुई रथयात्रा

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ से रथयात्रा शुरू की थी। उस रथ यात्रा के समन्वय की जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी को मिली थी जो कि उस समय भाजपा की राष्ट्रीय चुनाव समिति के सदस्य हुआ करते थे।

आडवाणी की रथयात्रा कई राज्यों से होकर गुजरी मगर वे अपनी रथयात्रा को पूरा करने में सफल नहीं हो सके। अयोध्या पहुंचने से पहले 23 अक्टूबर 1990 को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आदेश पर आडवाणी को समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था।

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1991 में मोदी ने दिया था यह बयान

सोशल मीडिया पर इन दिनों 1991 की वह तस्वीर खूब वायरल हो रही है जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या में मुरली मनोहर जोशी के साथ दिख रहे हैं। इस यात्रा के दौरान जोशी ने विवादित स्थल का भी दौरा किया था। उसी वक्त पत्रकारों से बातचीत के दौरान मोदी ने टिप्पणी की थी कि भविष्य में यहां तभी आऊंगा, जब राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा। उस समय शायद मोदी के इस बयान को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया था मगर 29 साल बाद मोदी का वह बयान सच साबित होता दिख रहा है।

आडवाणी-जोशी की नामौजूदगी खटकी

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को भूमिपूजन करने के लिए अयोध्या तो पहुंचे मगर इस दौरान भाजपा दो बड़े दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी अयोध्या में मौजूद नहीं थे। दोनों ने नई दिल्ली में बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भूमिपूजन में हिस्सा लिया।

इन दोनों दिग्गज नेताओं के अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के नायक रहे कल्याण सिंह और मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता रहे विनय कटियार भी इस महत्वपूर्ण मौके पर अयोध्या में मौजूद नहीं थे। इन दोनों ने भी घर से ही भूमिपूजन का नजारा देखा। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने पहले भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा न लेने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि वे भूमि पूजन के समय अयोध्या में सरयू तट पर रहेंगी मगर बाद में वे भूमि पूजन में हिस्सा लेने के लिए तैयार हो गईं।

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