बड़ा फैसला: रेप के दोषियों का बढ़ा खौफ, अपराध करते ही मिलेगी सजा
लखनऊ पॉक्सो कोर्ट ने चार महीने में सुनवाई पूरी करते हुए ठाकुरगंज निवासी आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है।
लखनऊ: भारत में बढ़ते रेप के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार का दिन बेहद अहम रहा। जहां एक ओर दिल्ली सहित भारत का दिल दहला देने वाले 'निर्भया रेप केस' में सात साल बाद आरोपियों के डेथ वारंट पर फैसला लाया। जिसमे अभी भी फांसी की तारीख में फेरबदल हो रहा है। वहीं दूसरी ओर लखनऊ में छः साल की बच्ची का अपहरण, रेप और हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने चार महीने में केस का फैसला सुनाते हुए आरोपी बब्लू उर्फ़ अराफात को फांसी की सजा सुना दी।
चार महीने में सुनवाई के बाद फैसला:
लखनऊ पॉक्सो कोर्ट ने चार महीने में सुनवाई पूरी करते हुए ठाकुरगंज निवासी आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। यह बड़ा फैसला विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अरविंद मिश्र ने सुनाया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश के कई जिलों में पाॅक्सो अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offenses Act) के अन्तर्गत अवयस्क बच्चों के साथ हुए अपराधों की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें बनाई गई थीं।
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क्या है मामला:
गौरतलब है कि 15 सितंबर 2019 को अभियुक्त बबलू उर्फ अराफात ने छह वर्षीय बालिका की अपहरण के बाद बलात्कार कर निर्मम हत्या कर दी थी। आरोपी युवक बच्ची के पिता का दोस्त था और पीड़िता उसको मामा कहती थी। 15 सितम्बर को बबलू पानी पीने के बहाने पीड़िता के घर आया था। पानी पीने के बाद बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने बबलू बाहर ले गया।
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बच्ची की नानी ने न्यायालय के सामने इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि भी की थी। उसके दो तीन घंटे बाद आरोपी बबलू के घर में बेड के नीचे से बच्ची का शव बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची के साथ रेप के बाद पहले चाकू से उसका गला रेतने का प्रयास किया गया और असफल रहने पर गला दबा कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के गुप्तांग में भी काफी गहरा घाव पाया गया था।