Prayagraj News: कुमार विश्वास ने की नन्दी और अभिलाषा गुप्ता से मुलाकात, जानिए क्या था अवसर

Prayagraj News: प्रयागराज के मशहूर जायके दही, जलेबी, कचौड़ी और खस्ता दम आलू के स्वाद का लिया आनंद।

Update: 2023-04-09 19:40 GMT
प्रयागराज में श्रीराम कथा करने गए कवि डॉ. कुमार विश्वास ने की नन्दी और अभिलाषा गुप्ता से मुलाकात- Photo- Newstrack

Prayagraj News: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कविता के माध्यम से हिन्दी का गौरव बढ़ाने वाले, सुप्रसिद्ध कवि और अपने-अपने राम कार्यक्रम के द्वारा श्रीराम कथा की महिमा को नया कलेवर प्रदान करने वाले कवि डॉ. कुमार विश्वास ने आज औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी के बहादुरगंज प्रयागराज स्थित आवास पर जाकर भेंट वार्ता की। इस दौरान मंत्री नन्दी के साथ ही प्रयागराज की महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी भी मौजूद रहीं, जिन्होंने कवि डॉ. कुमार विश्वास का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।

श्री राम कथा 'अपने-अपने राम'

प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास इन दिनों प्रयागराज मण्डल के कौशाम्बी जनपद में कौशाम्बी महोत्सव के अवसर पर आयोजित श्री राम कथा 'अपने-अपने राम' के आयोजन में सम्मिलित होने के लिए कौशाम्बी आए हुए हैं। कौशाम्बी जनपद में तीन दिवसीय प्रवास के दौरान रविवार को डॉ. कुमार विश्वास ने प्रयागराज की प्रथम नागरिक यानी प्रयागराज की महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी और कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी के आवास पर जाकर उनसे शिष्टाचार मुलाकात की।

इस मुलाकात और भेंट वार्ता के दौरान डॉ. कुमार विश्वास ने धर्म और आध्यात्म की संगम नगरी के वैभव पर विस्तृत चर्चा की। प्रयागराज से जुड़ी अपनी यादें और संस्मरण भी सुनाए। प्रयागराज के मिजाज के साथ ही यहां के खान-पान की भी चर्चा की। इस चर्चा के दौरान उन्होंने 2019 में सम्पन्न हुए कुम्भ मेला को दिव्य कुम्भ, भव्य कुम्भ बताया। भेंट वार्ता के दौरान डॉ. कुमार विश्वास ने प्रयागराज के मशहूर जायके दही, जलेबी, कचौड़ी और खस्ता दमालू के स्वाद का भी आनन्द लिया।

आज की युवा पीढ़ी हिन्दी साहित्य और कविता से दूरी

मंत्री नन्दी ने कहा कि डॉ. कुमार विश्वास ने आज की युवा पीढ़ी जो हिन्दी साहित्य और कविता से दूर होती जा रही थी, उसे कवि सम्मेलन और साहित्य से जोड़ने का अद्भुत कार्य किया है। यही नहीं विदेशों में भी भारत के साथ ही हिन्दी साहित्य के गौरव को बढ़ाया है। आज विश्व के विभिन्न देशों में हिन्दी कवि सम्मेलनों का आयोजन हिन्दी की मजबूती का साक्षात प्रमाण है।

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