पोषण पखवाड़े का आगाज: डैशबोर्ड रैंकिंग में औरैया पहले स्थान पर
पोषण पखवाड़ा में कुपोषण के स्तर में कमी लाने के लिए संबंधित विभाग द्वारा पोषण संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कोविड-19 को ध्यान में रखकर जनपद स्तर पर किया जा रहा है
औरैया: जनपद में बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार के लिए मंगलवार से पोषण पखवाड़ा शुरू हुआ। यह पखवाड़ा 31 मार्च तक चलेगा। पोषण पखवाड़ा में कुपोषण के स्तर में कमी लाने के लिए संबंधित विभाग द्वारा पोषण संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कोविड-19 को ध्यान में रखकर जनपद स्तर पर किया जा रहा है। 18 मार्च को प्रदेश स्तर पर पोषण पखवाड़ा की डैशबोर्ड रैंकिंग में जनपद पहले स्थान पर है।
राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा अभियान
जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि कुपोषण को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसमें जीरो से लेकर पांच वर्ष के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलानी है। पखवाड़े के अंतर्गत जीरो से पांच वर्ष के बच्चों का वजन लेकर कुपोषण के को प्रभाव को कम करने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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मुख्य विकास अधिकारी अशोक बाबू मिश्रा के अनुसार पोषण पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य पोषण के प्रति हितग्राहियों को जागरूक करना और सेवाओं तक उनकी पहुंच को सुगम बनाना है। पोषण अभियान का मुख्य घटक व्यवहार परिवर्तन है। पोषण पखवाड़ा के दौरान सुपोषण संबंधी संदेशों को लक्षित परिवारों तक पहुंचाने और उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विभिन्ना आयोजन किए जाएंगे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद अवस्थी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार पखवाड़ा के दौरान आयोजित होने वाली गतिविधियों के संबंध में दिशा-निर्देश सभी को जारी कर दिये गये हैं। अलग-अलग गतिविधियों के लिए अलग-अलग विभाग को दायित्व सौंपा गया है। पोषण का यह कार्यक्रम बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, शिक्षा विभाग, जिला पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास विभाग, आयुष विभाग सहित कई विभागों के आपसी सहयोग से चलाया जा रहा है।
जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश
उन्होंने बताया की प्रभारी मंत्री जय कुमार सिंह एवं जिलाधिकारी द्वारा स्थानीय जरूरत के अनुसार जिलों को और भी गतिविधियां जैसे एनीमिया कैंप, सामुदायिक आधारित गतिविधियां, गृह भ्रमण, स्थानीय रेडियो गतिविधि, साइकिल रैली, प्रभात फेरी, डिजिटल पोषण पंचायत, हाट-बाजार गतिविधियां, पोषण वर्कशाप, सेमिनार, स्कूल आधारित गतिविधियां, युवा समूह बैठक-चर्चा, वेबिनार, नुक्कड़ नाटक आदि का आयोजन करने को भी कहा गया है।
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इसके अलावा जलवायु के हिसाब से बेल, आंवला, जामुन, कटहल, पपीता, खजूर, सहजन, अनार आदि के पौधे लगाने का सुझाव दिया गया है। जिला कार्यकम अधिकारी ने बताया कि 19 मार्च शुक्रवार को वृहद स्तर पर अन्नप्राशन और गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। साथ ही शनिवार को आयुष मंत्रालय के सहयोग से योग सम्बंधित विविध गतिविधियों का आयोजन भी किया जाएगा।
रिपोर्ट प्रवेश चतुर्वेदी