हरदोई: ‘मोदी जी के निठल्ले, कामचोर, झूठे और फेंकू सांसद’ लिखे कई पोस्टर इन दिनों जिले के सांडी कस्बे से लेकर शहर के कई इलाकों में चिपके दिखाई दे रहे हैं। पोस्टरों में हरदोई से सांसद अंशुल वर्मा और मिश्रिख की सांसद अंजुबाला की फोटो भी लगी हुई है। ये पोस्टर रेल लाओ अभियान संघर्ष समिति सांडी की तरफ से लगाए गए है। वहीं, भाजयुमो जिलाध्यक्ष ने इन पोस्टरों को विरोधियों की राजनीतिक साजिश करार दिया है।
क्या है पूरा मामला?
-हरदोई के सांडी कस्बे में सांडी की रेल लाओ अभियान संघर्ष समिति बनी है।
-स्थानीय निवासी डॉ पंकज त्रिवेदी इस समिति की अगुवाई कर रहे हैं।
-समिति की मांग है कि औहदपुर को रेलवे लाइन से जोड़ा जाए।
-इसके लिए समिति मूवमेंट चला रही है उसने धरना प्रदर्शन कर सांसदों को ज्ञापन भी दिया था।
-भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने इसके लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया।
आजादी के सौ साल पहले पड़ी थ्ाी लाईन
-दरअसल आजादी के सौ साल पहले यहां अंग्रेजों ने रेल लाईन डलवाई थी।
-आजादी के पहले ही इस पर रेल का संचालन बंद हो गया था।
-इसके बाद रेल लाईन और जगहों पर कब्जे हो गए।
-दशकों पूर्व ही इस रेल लाईन का अस्तित्व समाप्त हो गया था।
दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान पर भी किया था प्रदर्शन
-इसी रेल लाईन के जरिए सांडी कसबे को कानपुर से जोड़ने की मांग उठाई गई है।
-फेसबुक से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक इस मूवमेंट के लोग धरना दे चुके हैं।
-उन्हीं लोगों की तरफ से ही इन पोस्टरों को जगह-जगह चिपकाया गया है।
-इस बार के रेल बजट में लोगों ने उम्मीद जताई थी कि इसमें विचार किया जाएगा।
-लेकिन इस बार भी उनकी मांगों को बजट में कोई स्थान नहीं मिला।
-इसके बाद इन सांसदों के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी वाले तमाम पोस्टर चिपकाए गए हैं।
भाजयुमो जिलाध्यक्ष संदीप सिंह ने बताया
-हरदोई के दोनों सांसदों ने रेल से जुड़े कई कार्य किए हैं।
-इसी रेल बजट में हरदोई से कन्नौज तक रेल लाईन के सर्वेक्षण को मंजूरी मिली है।
-उन्होंने बताया रेलवे के अपने सर्वेक्षक होते है जो प्रस्तावित रेलवे लाइन के क्षेत्र का सर्वे करते हैं।
- उसके बाद रेलवे को उस कार्य से लाभ प्राप्त होने की संभावनाएं देखी जाती हैं।
-उसके बाद रेलवे आगे की कार्रवाई करता है।
-दोनों सांसदों की बढ़ती लोकप्रियता के चलते विरोधी साजशि कर अपनी खिसियाहट दिखा रहे हैं।