Sonbhadra News: हड़ताल में शामिल 49 बिजली कर्मचारी नेता निलंबित, विरोध में प्रदर्शन का एलान

Sonbhadra News: अनपरा और ओबरा में हड़ताल में शामिल रहे 49 कर्मचारी नेताओं को निलंबित करने के साथ ही, पनकी, हरदुआगंज और जवाहरपुर के लिए स्थानांतरित किए गए है।

Update:2023-03-24 03:42 IST
सोनभद्र में हड़ताल में शामिल 49 बिजली कर्मचारी नेता निलंबित, विरोध में प्रदर्शन का एलान: Photo- Social Media

Sonbhadra News: विद्युत कर्मियों की हड़ताल तो खत्म हो गई लेकिन अभी भी हड़ताल में शामिल कर्मचारी नेताओं पर कार्रवाई का क्रम बना हुआ है। बताते हैं कि अनपरा और ओबरा में हड़ताल में शामिल रहे 49 कर्मचारी नेताओं को निलंबित करने के साथ ही, पनकी, हरदुआगंज और जवाहरपुर के लिए स्थानांतरित किए गए है। मिले स्थानांतरण आदेश के क्रम में परियोजना प्रबंधन की तरफ से उन्हें रिलीविंग भी थमा दी गई है। अब इसको लेकर एक बार फिर से बड़े आंदोलन की सुगबुगाहट सामने आने लगी है। वहीं मामले को लेकर ‘‘बिजली कर्मियों का उत्पीड़न वापस हो, समझौता लागू करो.. मंच का गठन कर, शुक्रवार को सूबे की राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन का ऐलान कर दिया गया है। इसको लेकर बृहस्पतिवार की शाम बैठक कर रणनीति बनाने की भी बात सामने आई है।

अनपरा में कार्यरत 24 बिजली कर्मचारी नेता और ओबरा में 25 कर्मचारी नेताओं पर हड़ताल के दौरान एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर के अगले दिन ही हड़ताल वापस लेने का ऐलान सामने आया था और इसको लेकर उर्जा मंत्री की तरफ से की गई कार्रवाई वापस लेने का आश्वासन दिया गया था। बावजूद जहां सभी 49 बिजली कर्मचारी नेता जिन पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी, उन्हें निलंबित करने के साथ ही, उनका दूसरी परियोजनाओं के लिए स्थानांतरण कर दिया गया है। दिलचस्प मसला यह है कि स्थानांतरित कर्मियों को रिलीविंग आदेश भी थमा दिया गया है।

उधर, राज्य कर्मचारी महासंघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, केंद्र व राज्य सरकार के श्रम संघों और ट्रेड यूनियनों के शीर्ष पदाधिकारियों ने इसको लेकर नाराजगी जताई है। इसको लेकर बुधवार और बृहस्पतिवार को राजधानी में बैठक कर रणनीति भी बनाई गई। कार्रवाई के खिलाफ मंच का गठन कर 24 मार्च यानी शुक्रवार को राजधानी में प्रदर्शन का ऐलान भी किया गया है। जारी बयान में ‘‘बिजली कर्मियों का उत्पीड़न वापस हो, समझौता लागू करो’’ मंच के संयोजक अमरनाथ यादव ने बताया है कि बिजली कर्मियों के उत्पीड़न के विरोध में प्रदेश के सभी कर्मचारी महासंघ और कर्मचारी संयुक्त परिषद एक साथ आ गए हैं। मंच का उद्देश्य बिजली कर्मियों का उत्पीड़न समाप्त कराना और ऊर्जा मंत्री के साथ तीन दिसंबर 2022 को हुए समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराना है।

"कहां जाएं, किससे फरियाद करें, असमंजस में फंसे कर्मचारी नेता"

प्रदेश के सबसे ताकतवार कर्मचारी संगठनों में गिने जाने वाले विद्युत कर्मचारी संगठनों के नेताओं के सामने अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है। आफ द रिकार्ड कर्मचारी नेताओं का कहना है कि हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। ऊर्जा मंत्री की बात चेयरमैन नहीं मान रहे हैं। मंत्री के साथ हुए लिखित समझौते की भी बात चेयरमैन द्वारा नहीं मानी जा रही है। कुछ ऐसे कर्मचारी नेता हैं जिन पर सोनभद्र के साथ लखनऊ में भी एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

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