Prayagraj News: मिलिए 70 साल के मिसाल कायम करने वाले ट्रैफिक मैन से, जिनके जज्बे के आगे युवा फेल
Prayagraj: जगदीप सिंह की उम्र 70 साल है और वह बीते 30 साल से ट्रैफिक मैन के किरदार में अपनी जिंदगी को बिता रहे हैं। जगदीप सिंह अक्सर आपक पुराने शहर की तंग गलियों में नज़र आएंगे।
Prayagraj: कहते है उम्र थका नहीं सकती, ठोकरे गिरा नहीं सकती, अगर जिद्द हो जीतने की तो हार भी हरा नहीं सकती। ये कहावत प्रयागराज के रहने वाले जगदीप सिंह (Prayagraj vale Jagdeep Singh) पर बिल्कुल फिट बैठती है। जगदीप सिंह(Jagdeep Singh) की उम्र 70 साल है और वह बीते 30 साल से ट्रैफिक मैन के किरदार में अपनी जिंदगी को बिता रहे हैं।
जगदीप सिंह (Jagdeep Singh) अक्सर आपक पुराने शहर की तंग गलियों में नज़र आएंगे। चौक इलाके से कभी आप गुजरे तो अक्सर जाम में जरूर फंस जाएंगे। लेकिन उसी जाम के बीच आपको 70 साल का एक बुजुर्ग, ट्रैफिक पुलिस कर्मी की तरह लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए जूझता नज़र आ जायेगा।
ट्रैफिक मैन बनकर लोगों को मदद और सेवा शुरू की
आप सोचेंगे कि जिस ज़िले में हज़ारों की संख्या ट्रैफिक पुलिस के जवानों के तैनात होने के बावजूद जाम को समस्या है। वहां एक बूढ़ा सरदार क्या कर लेगा। लेकिन हकीकत ऐसी नही है। 70 वर्षीय जगदीप सिंह धारीवाल (Jagdeep Singh Dhariwal) ने जब ट्रैफिक मैन बनकर लोगों को मदद और सेवा शुरू की, तब वो 40 साल के थे और बीते 30 साल से वो आपको ऐसे ही नज़र आएंगे।
भीषण गर्मी, ठंड या बरसात हो, जगजीत सिंह के इरादों को डिगा नही पाये। जगदीप सिंह लगातार लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए किसी ट्रैफिक पुलिस कर्मी की तरह अपने सेवाएं देते आएं है।
70 वर्षीय बुजुर्ग से जब हमने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वो जो कर रहे हैं, वो ऊपरवाला करवाता है। जगदीप सिंह की इसी नेकी की वजह से पूरा इलाका उन्हें सम्मान देता है। वो अपनी तरफ से हमेशा लोगों की मदद में जुटे हैं।
जगदीप सिंह ने बताया कि आज से करीब 30 साल पहले इसी इलाके में एक प्रेग्नेंट महिला की ट्रैफिक जाम में फंसने के चलते मौत हो गई थी। जिसके बाद से उन्होंने ठाना की अब इस इलाके में वो जाम के चलते किसी की मौत नही होने देंगे।
हौसले के चर्चा पूरे शहर भर में
जगदीप सिंह के हौसले के चर्चा पूरे शहर भर में है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील वीके व्यास भी जगदीप सिंह के कार्यों से काफी प्रभावित हैं। उनका कहना है कि वह जगदीप सिंह को बीते 30 सालों से जानते हैं और उनके इस कार्य शैली को देख कर के वह खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
आपको बता दे जगदीप सिंह ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और लॉ की डिग्री हासिल की है। उन्होंने शादी भी नही की और अपना जीवन जनसेवा को समर्पित कर दिया है। जीवन यापन करने के लिए वो एक छोटी सी चप्पलों की दुकान चलाते हैं।
जीवन के इस आखिरी पड़ाव में जगदीप सिंह इंसानियत की अद्भुत मिसाल पेश करते नज़र आते हैं। अपनी सभी डिग्रियां को किनारे कर वो इंसानियत के रास्ते पर चल रहे हैं। उनका चयन एनडीए में भी हुआ लेकिन अकेला बेटा होने के चलते उनकी मां ने उन्हें जाने नही दिया।
जगदीप सिंह जनसेवा में अपने योगदान को लेकर कई बार पुरस्कृत किये जा चुके हैं। शासन प्रशासन और अधिकारियों की तरफ उन्हें प्रोत्साहन और प्रशस्त्री पत्र दिया गया है। जगदीप सिंह दरअसल इंसानियत की जीती जागती मिसाल हैं जिहोने सब कुछ छोड़ कर अपना जीवन मानवता को समर्पित कर दिया।