Prayagraj: ब्लॉक प्रमुख मोहम्मद मुज़फ़्फ़र के भाईयों को बड़ी राहत, कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत

Prayagraj News: ब्लॉक प्रमुख मोहम्मद मुज़फ़्फ़र के भाईयों ने सर्वोच्च न्यायालय मे याचिका दाखिल कि थी। जिस पर सुनवाई कर कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी

Report :  Syed Raza
Update:2024-09-11 14:07 IST

Prayagraj News (Pic: Social Media)

Prayagraj News: प्रयागराज कौड़िहार ब्लॉक प्रमुख मोहम्मद मुज़फ़्फ़र के भाईयों को सुप्रीम राहत सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिल गई है। मुजफ्फर के भाईयों पर पूर्व में हत्या के प्रयास का केस दर्ज है। रंगदारी, मार -पीट दलित व्यक्ति को जाती सूचक गाली देने के मामले इनामी में इनपर इनाम घोषित किया गया था। 10-10 हजार का इनाम घोषित होने के साथ ही घरों पर नोटिस चस्पा कर दिया गया। पुलिस ने मुनादी करने के बाद छापे मारी शुरु कर दी थी।

कोर्ट ने दी राहत

पूरामुफ्ती पुलिस ने फरार चल रहे मुजफ्फर के भाईयों पर इनाम घोषित करने की रिपोर्ट डीसीपी सिटी दीपक भूकर के पास भेजी थी। डीसीपी ने इस प्रस्ताव पर पांचों भाइयों पर 10-10 हजार रुपए इनाम घोषित कर दिया था जिसके बाद ब्लॉक प्रमुख मोहम्मद मुज़फ़्फ़र के भाईयों ने सर्वोच्च न्यायालय मे याचिका दाखिल कि थी। जिस पर सुनवाई कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय कि तीन जजों कि पीठ ने जिसमे मुख्य रूप से जस्टिस न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन कि बेंच ने याचियों को अग्रिम जमानत दे कर बड़ी राहत दी है l 

यह है पूरा मामला

बताते चलें कि माफिया 2021 मे जेल से चुनाव जीत कर ब्लॉक प्रमुख बनने के बाद से मुज़फ़्फ़र के करीबियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। मो. मुजफ्फर पर कार्रवाई के बाद अब पुलिस ने उसके भाइयों पर एक्शन शुरू किया था। जेल में बंद ब्लॉक प्रमुख मुजफ्फर के फरार भाईयों पर इनाम हो घोषित हो गया था। उन पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। इनाम घोषित करने के बाद पुलिस ने मुजफ्फर के भाइयों की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। मुजफ्फर की अब तक 300 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। पूर्व में भी जनपद कौशांबी मे न्यायालय ने मुज़फ़्फ़र के भाईयो कि गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए तत्काल रिहा था मुज़फ़्फ़र के भतीजों की गिफ्तारी मामले में माननीय मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेकर तत्काल गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए रिहा किया था l

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