Mahakumbh 2025: जमीन को लेकर टकराव खत्म, अखाड़ों की ज्यादा जमीन की मांग वापस, बैठक के बाद हुआ फैसला
अखाड़ों-कुंभ प्रशासन के बीच हुआ समझौता, प्रशासन ने ली राहत की सांस, वैष्णव अखाड़ा नहीं हुआ बैठक में शामिल
18 नवंबर को प्रयागराज में भूमि आवंटन को लेकर कुंभ प्रशासन और अखाड़ो के बीच बैठक हुई। इस दौरान बैठक में मौजूद अखाड़ों ने कई दिनों से चल रही ज्यादा जमीनों की मांग को वापस ले लिया। इस दौरान बैठक में वैष्णव अखाड़े का कोई भी प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुआ। भूमि आवंटन से पहले निकले समाधान को लेकर कुंभ प्रशासन को भारी राहत मिली है।दरअसल, अखाड़ों ने कुंभ प्रशासन से पहले से 25 प्रतिशत ज्यादा जमीन की उपलब्धता की मांग थी। लेकिन, प्रशासन उनकी इस मांग को लेकर राजी नहीं था और प्रशासन की तरफ से पहले से 5 फीसदी ज्यादा जमीन ही जा रही थी।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ
महाकुंभ का आयोजन पावन भूमि प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा। महाकुंभ की शुरूआत पौष पूर्णिमा के दिन से होगी और इसका समापान महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान के साथ संपन्न हो जाएगा। महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्दालु संगम नगरी पहुंचेंगे।
तैयारियां जोरों- शोरों पर
महाकुंभ की तैयारियों के तहत सड़क चौड़ीकरण और सुंदरीकरण का काम जोरों-शोरों पर है। प्रयागराज विकास प्रधिकरण अपनी तरफ से आयोजन की सफलता को लेकर तैयारियों मे कोई कसर नहीं छोड़ रहा। शहर के मुख्य मार्गों का चौड़ीकरण के पूर्ण होने का कार्य 30 नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा ड्रनेज सिस्टम, लाइटिंग और बुनियादी सुविधाओं को भी व्यवस्थित करने का काम शामिल है। जिससे जल्द से जल्द शहर के बुनियादी ढांचों मे सुधार लाया जा सके। इसे लेकर पीडीए का कहना है कि सभी योजनाओं को समय से पूरा कर श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए विकास प्राधिकरण प्रतिबद्ध है। इसके अलावा भारतीय रेलवे अपनी ओर से भी लगातार रेल सुविधाओं और स्टेशनों का कायाकल्प करने पर जुटा है। रेलवे इस दौरान 9 स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के आवागमन की तैयारी कर रही हा। क्राउड मैनेजमेंट को लेकर रेलेव रोडमैप तैयार कर रही है ताकि श्रद्धालुओं की कोई भी परेशानी न हो। रेलवे का कहना है कि कुंभ के दौरान प्रतिघंटे 50 हजार यात्रियों की दर से उनके गंतव्य स्टेशनों की ओर रवाना करने की योजना बनाई गई है। इस दौरान 25000 श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 10 आश्रय स्थलों को तैयार किया जा रहा है।