Mahakumbh 2025 : महाकुंभ की भव्यता और विशालता पर विदेशी मीडिया भी मंत्रमुग्ध, सबसे महान धार्मिक आयोजन बताया
MahaKumbh 2025: महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर देश-दुनिया से पहुंचे भारी संख्या में श्रद्धालुओं और तीर्थ यात्रियों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ की कवरेज के लिए पूरी दुनिया से पत्रकार प्रयागराज पहुंचे हैं।;
MahaKumbh 2025: पौष पूर्णिमा के साथ ही प्रयागराज में महाकुंभ मेले की भव्य शुरुआत हो गई है। महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर देश-दुनिया से पहुंचे भारी संख्या में श्रद्धालुओं और तीर्थ यात्रियों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ की कवरेज के लिए पूरी दुनिया से पत्रकार प्रयागराज पहुंचे हैं। महाकुंभ मेले की भव्यता और विशालता को देखकर विदेशी मीडिया भी मंत्रमुग्ध हो गया है।
ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका और इटली आदि देशों से पहुंचे पत्रकारों ने महाकुंभ की अच्छी कवरेज की है और इसे दुनिया के सबसे महान धार्मिक आयोजनों में एक बताया है। इतने बड़े आयोजन को देखकर विदेशी मीडिया भी हैरान रह गया है। ऐसे में जानना जरूरी है कि विदेशी मीडिया में महाकुंभ मेले की कैसी और क्या कवरेज की गई है।
अमेरिका की जनसंख्या से अधिक लोग जुटेंगे
एसोसिएटेड प्रेस का कहना है कि इस कुंभ मेले के दौरान अगले 45 दिनों में अमेरिका की जनसंख्या (34 करोड़) से अधिक (40 करोड़) लोग यहां पहुंचने वाले हैं। एपी का कहना है कि मक्का और मदीना में हर साल हज पर होने वाले आयोजन से 200 गुना अधिक लोग कुंभ मेले में जुटेंगे। यह मेला भारत के अधिकारियों के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा।
एपी का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान यह हिंदू राष्ट्रवाद का एक अहम हिस्सा बन चुका है। एपी के मुताबिक इस आयोजन के जरिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी और प्रधानमंत्री दोनों की छवि चमका रहे हैं।
मानवता की सबसे बड़ी जुटान
ब्रिटिश मीडिया समूह बीबीसी ने महाकुंभ मेले की कवरेज करते हुए इसे मानवता की सबसे बड़ी जुटान बताया है। न्यूज़ चैनल ने महाकुंभ मेले में विभिन्न देशों से आए श्रद्धालुओं से भी बातचीत की है और कहा है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। बीबीसी से हुई बातचीत के दौरान अर्जेंटीना से आए एक भक्त ने कहा कि वह भक्ति के अनुभव को साक्षात महसूस करने के लिए ही प्रयागराज पहुंचे हैं। इस भक्त का यह भी कहना था कि वे मां गंगा के बुलावे पर प्रयागराज पहुंचे हैं।
पिछले आयोजनों से बेहतर होने का अनुमान
ब्रिटिश अखबार द गार्डियन का कहना है कि इस बार का महाकुंभ मेला श्रद्धालुओं की संख्या और भव्यता के मामले में पिछले सभी आयोजनों से बेहतर होने का अनुमान है। यह कुंभ मेला धार्मिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक महत्व को भी प्रदर्शित करने वाला है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सत्तारूढ़ भाजपा के शासनकाल में इसका स्वरूप और खुलकर सामने आता है। इस आयोजन को हमेशा से हिंदू एकता और ताकत का प्रतीक माना जाता रहा है। अखबार का कहना है कि 40 वर्ग किलोमीटर में फैले मेला क्षेत्र में बुजुर्गों और जरूरतमंद लोगों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
आयोजन में कई बड़ी चुनौतियां
फ्रांस की न्यूज एजेंसी एएफपी ने महाकुंभ मेले को विशाल हिंदू आयोजन बताया है। एजेंसी के मुताबिक शताब्दियों से इस मामेले का आयोजन किया जा रहा है और यह आयोजन जबर्दस्त चुनौतियों वाला भी है। न्यूज़ एजेंसी का कहना है कि रात के समय यहां का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है मगर इसके बावजूद लोगों को स्नान में ठंड का एहसास नहीं होता।
विदेशियों को भी आकर्षित करता है मेला
फ्रांस के मीडिया समूह रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल (आरएफआई) का कहना है कि यह आयोजन सिर्फ हिंदू धर्म से जुड़े भारतीयों को ही नहीं बल्कि विदेशियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। खासतौर पर हिंदू धर्म को अपनाने वाले विदेशी भी इसकी ओर काफी आकर्षित होते हैं।
आरएफआई ने एक अमेरिकी नागरिक के हवाले से बताया कि इस तरह के आयोजन से वैश्विक एकता का संदेश निकलता है। इसके साथ ही आध्यात्मिक अभ्यासों से लोगों को अपने भीतर छिपे सत्य को पहचानने में भी मदद मिलती है। आरएफआई ने महाकुंभ मेले की विशालता को भी प्रमुख रूप से उजागर किया है।