दर्द से तड़पती गर्भवती महिला ने अस्पताल के बाहर बच्चे को दिया जन्म, डॉक्टरों ने नहीं की कोई मदद
यूपी के शाहजहांपुर में महिला जिला अस्पताल के डॉक्टरों का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। यहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल से भगाया गया तो महिला ने अस्पताल के बाहर की तड़पते हुए एक बच्चे को जन्म दिया। खास बात ये रही कि महिला और उसका बच्चा अस्पताल के बाहर 20 मिनट तक तड़पते रहे और डॉक्टर और कर्मचारी महिला को देखने तक नही आए।
शाहजहांपुर : यूपी के शाहजहांपुर में महिला जिला अस्पताल के डॉक्टरों का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। यहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल से भगाया गया तो महिला ने अस्पताल के बाहर की तड़पते हुए एक बच्चे को जन्म दिया।
खास बात ये रही कि महिला और उसका बच्चा अस्पताल के बाहर 20 मिनट तक तड़पते रहे और डॉक्टर और कर्मचारी महिला को देखने तक नही आए। फिलहाल जिला महिला अस्पताल के बाहर हुई इस घटना के जांच के आदेश दिए गए है।
क्या था मामला?
पीड़िता के पति आसिफ ने बताया कि वह थाना सदर बाजार के शाहजान गौटिया गांव में रहता है और मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार पालता है। उसके पास इतने पैसे नही थे कि वह अपनी गर्भवती पत्नी को किसी प्राईवेट नर्सिंग होम मे ले जाता। रात में उसकी पत्नी को दर्द हुआ तो वह सीधा जिला महिला अस्पताल पहुंचा। जब उसने डॉक्टरों से बात की तो अस्पताल मे मौजूद कुछ लोगों ने उससे पैसे की डिमांड की। आसिफ ने पैसे नहीं दिए तो डॉक्टर ने कहा कि अभी टाईम है इसलिए घर जाओ, लेकिन उसकी पत्नी का दर्द बढ़ता ही जा रहा था। कुछ देर में ही डॉक्टर उसे अस्पताल से भगाने लगे। लेकिन जैसे ही वह अपनी पत्नी को अस्पताल गेट पर लाया तो उसकी पत्नी ने दर्द से तड़पते हुए गेट के बाहर जमीन पर बेटे को जन्म दिया। लेकिन अस्पताल के अंदर न तो किसी कर्मचारी न आकर देखा और न ही कोई डॉक्टर ने आकर देखने की जहमत उठाई। उसके बाद जब पत्नी ने बेटे को जन्म दिया उसके बाद उसकी हालत ज्यादा बिगड़ने लगी। फिर उसने पुलिस चौकी पर जाकर शिकायत की और उसके बाद डॉक्टर ने उसे भर्ती किया।
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क्या कहना है पति का?
पति आसिफ का कहना है कि उसकी पत्नी फरमीदा को रात करीब 1 बजे अस्पताल लाया था, लेकिन पूरी रात उसकी पत्नी जमीन पर पड़ी तड़पती रही और सुबह में उसे किसी प्राइवेट अस्पताल में ले जाने की बात कहकर उसे बाहर निकाल दिया गया।
होगी कड़ी कार्यवाही
इससे पहले भी इसी अस्पताल में प्रसव के दौरान एक नवजात शिशू का सिर धड़ से अलग कर दिया गया था जिसके बाद महिला की भी मौत हो गई थी। लेकिन इस घटना का जो वीडियों सामने आया है उसे देखकर एक फिर महिला अस्पताल का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी इसे बेहद गंभीर मामला बता रहे है।अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच टीम बना दी गई और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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क्या कहना है डॉक्टर का?
महिला सीएमएस डॉक्टर रेखा शर्मा का कहना है कि इस नाम का मरीज रात में नही आया था। मरीज अस्पताल गेट के अंदर आने से पहले ही जमीन पर बच्चे को जन्म दे चुकी थी। उसके द्वारा लगाए गए आरोप निराधार है। वहीं सीएमओ आरपी रावत ने वीडियो देखने के बाद मामले को गंभीर बताते हुए जांच के आदेश दे दिए है। उनका कहना है कि टीम बना दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
महिला काफी देर तक अस्पताल के ही गेट पर तड़पती रही और उसने गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। लेकिन किसी भी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी का कलेजा नहीं पसीजा। ऐसे में जरूरत है जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्यवाही करने की ताकि ऐसी घटनाए दोबारा न हो सके।