Sonbhadra News: अक्षय तृतीया पर थी बाल विवाह की तैयारी, बाल कल्याण टीम ने रोकी शादी

Sonbhadra News: चाइल्ड हेल्पलाइन के जरिए बाल संरक्षण इकाई को दोपहर में सूचना मिली कि बभनी के मचबंधवा गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी अक्षय तृतीया पर कराने की तैयारी की जा रही है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-05-03 18:41 IST

Sonbhadra News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से सटे बभनी थाना क्षेत्र (Babhni police station area) के मचबंधवा गांव में अक्षय तृतीया (Akshya Tritiya) के अवसर पर मंगलवार को एक नाबालिक की शादी कराए जाने के प्रयास का मामला सामने आया है। शादी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर निवासी एक व्यक्ति से तय की गई थी।

मंगलवार की देर शाम मचबंधवा में शादी के लिए उसकी बारात भी आनी थी। जैसे ही इसकी जानकारी जिले की बाल संरक्षण इकाई (child protection unit) को मिली, पहुंची टीम ने शादी रोकवा दी। माता-पिता के साथ ही वहां मौजूद लोगों को बाल विवाह अपराध बताते हुए आगे से ऐसा करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी और बालिका को अपने संरक्षण में लेकर, बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत करने के लिए जिला मुख्यालय चले आए।

नाबालिग लड़की की शादी की कराने की तैयारी

बताते हैं कि चाइल्ड हेल्पलाइन (child helpline) के जरिए बाल संरक्षण इकाई को दोपहर में सूचना मिली कि बभनी के मचबंधवा गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी अक्षय तृतीया पर कराने की तैयारी की जा रही है। शादी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर निवासी सात वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति से तय होने की जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि बारात आज ही आने वाली है।


सूचना मिलते ही जिला बाल संरक्षण अधिकारी पुनीत टंडन ने महिला शक्ति केंद्र की जिला समन्वयक साधना मिश्रा, जिला बाल संरक्षण इकाई की बाल संरक्षण अधिकारी गायत्री दुबे, आरआरडब्ल्यू शेषमणि दूबे की मौजूदगी वाली टीम गठित कर तत्काल मौके पर पहुंचने और बभनी पुलिस से समन्वय स्थापित कर शादी रोकवाने का निर्देश दिया। इसके बाद टीम मौके के लिए रवाना हो गई। उधर, डॉ० राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ सत्यवान भी बभनी पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए मचबंधवा स्थित नाबालिग के घर पर पहुंचे तो देखा कि उसके विवाह की तैयारियां चल रही थी।

वयस्क होने से पहले शादी कराना कानूनन अपराध

वहां पूछताछ में जानकारी मिली कि बलरामपुर, छत्तीसगढ़ से शाम को बारात आएगी। टीम ने बालिका के माता-पिता से उसकी उम्र के संबंध में साक्ष्य मांगा गया तो जो कागजात प्रस्तुत किए गए, उससे लड़की के नाबालिग होने की पुष्टि हुई। किसी भी बालिका का वयस्क होने से पहले शादी कराना कानूनन अपराध बताते हुए, बाल विवाह से होने वाली हानियों के बारे में बताया गया। माता-पिता सहित वहां मौजूद अन्य लोगों को आगे से ऐसा होने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई लेकिन नाबालिग द्वारा दो-तीन दिन बाद जबरिया शादी करा देने की संभावना जताई गई।

अक्षय तृतीया पर बाल विवाह का मामला

इसके बाद टीम उसे अपनी अभिरक्षा में लेने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद, जिला मुख्यालय के लिए वापस चल दी। यहां उसे बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद उसे बालिका बाल गृह में दाखिल करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बता दें कि अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की संभावना को देखते हुए, जहां पूरे प्रदेश में इस पर नजर रखने और बाल विवाह न होने देने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं इस मामले में पीड़िता की तरफ से स्वयं चाइल्ड लाइन को बाल विवाह की जानकारी दिए जाने की बात बताई जा रही है।

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