पीएम के स्वच्छता अभियान के लिए सुहाग की निशानी बेच बनवाया शौचालय

Update: 2017-09-29 06:55 GMT

 

कानपुर। कहते हैं कि अगर मन में किसी भी चीज का प्रण सच्ची श्रद्धा से कर लिया जाये तो दुनिया की कोई भी ताकत आपके मनोबल को टस से मस नहीं कर सकती ऐसा ही एक उदाहरण कानपुर स्थित बिधनू में देखने को मिला जहां प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान से बिधनू की रहने वाली लता इतना प्रभावित हो गयी कि उन्होंने ऐसा कर दिया की उनके द्वारा किये गए कार्यों की गूंज दिल्ली तक सुनाई दी! लता ने अपने शादी में मिला सोना सारे जेवर यहां तक की सुहाग की निशानी कहे जाने वाले मंगलसूत्र तक को बेच दिया। जैसे ही इस बात की खबर दिल्ली की एक मशहूर समाजसेवी संस्था को लगी उस संस्था सुलभ इंटनेशनल ने प्रधानमंत्री के जन्मदिन के मौके पर लता को एक गोल्ड मैडल, दो लाख की चेक व साल भेंट कर नई दिल्ली में हजारों लोगों के बीच सम्मानित किया। इतना ही नहीं एनजीओ ने स्वच्छता के दूत नाम से प्रकाशित होने वाली किताब में लता की कहानी को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।

हम जिस लता की बात कर रहे हैं वो बिधनू ब्लाक के ही बिधनू गांव में रहने वाली बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है, जिसके पास शौचालय बनवाने के लिए रूपए नहीं थे मगर लता की सोच को उस वक्त हौसलों के पंख लग गए जब उन्हें प्रधानमंत्री जी का स्वच्छता मिशन अभियान पर आधारित विद्या बलान का विज्ञापन देखा जिसमें लता के कानों में विद्या की कही बात गूंज रही थी।

जहां सोच वहां शौचालय और फिर लता ने कुछ करने की ठान लिया और सोच लिया के अब खुले में शौंच नहीं शौचालय में ही होगी, और फिर लता निकल पड़ी उस मंजिल की ओर जहां उसकी सोच का नया आसमान खुली बांहों से उसका स्वागत कर रहा था। अब लता की सोच के आगे उसकी गरीबी पांव पसार कर खड़ी नजऱ आ रही थी अगर बात की जाए लता के परिवार की तो लता के पति बाबू राम मजदूरी करते हैं जिससे जैसे-तैसे परिवार का गुजर-बसर होता है साथ ही साथ परिवार में तीन बेटियां थीं। कंचन , लक्ष्मी और शारदा भी हैं, वर्तमान समय में तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है, लता का एक बेटा भी है जिसकी पढ़ाई भी जैसे तैसे परिवार करा रहा है बेटे का नाम राम जो की मौजूद समय में हाईस्कूल का छात्र है इतनी जिम्मेदारी और लता की गरीबी उसके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है।

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