हलवा सेरेमनी के साथ बजट की छपाई शुरू, जानिए क्यों होता ये आयोजन, घर नहीं जाते कर्मचारी

बजट की तैयारियों को लेकर वित्त मंत्रालय में सोमवार को हलवा सेरेमनी का आयोजन हुआ। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर समेत वित्त मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे।

Update: 2020-01-20 12:57 GMT

नई दिल्ली: बजट की तैयारियों को लेकर वित्त मंत्रालय में सोमवार को हलवा सेरेमनी का आयोजन हुआ। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर समेत वित्त मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे। हलवा सेरेमनी के बाद सोमवार से वित्त मंत्रालय के बजट बनाने से जुड़े सभी अधिकारी उसके पेश होने तक वित्त मंत्रालय में ही रहेंगे। 1 फरवरी को संसद में आम बजट 2020-21 पेश होगा।

जानिए क्यों हलवा सेरेमनी का होता है आयोजन?

हलवा बनाने की रस्म काफी पहले से ही चलती आ रही है। बजट पेश होने से पहले एक अहम हलवा सेरेमनी होती है जिसके बाद आधिकारिक तौर पर बजट छपाई के लिए भेजा जाता है। नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में स्थित प्रिटिंग प्रेस में इसकी छपाई की जाती है।

हर साल बजट पेश होने से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन है जिसके पीछे कहा जाता है कि हर शुभ काम की शुरुआत मीठे से करनी चाहिए और भारतीय परंपरा में हलवे को काफी शुभ माना जाता है।

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कर्मचारियों, बजट की छपाई से जुड़े कर्मचारियों और वित्त अधिकारियों को हलवा बांटते हैं। इस हलवे के बनने और बंटने के बाद ही बजट के दस्तावेजों के छापने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

सीक्रेट होती है बजट की प्रिटिंग

देश के बजट की प्रिंटिंग को गुप्त रखा जाता है। बजट से जुड़ी जानकारियां काफी महत्‍वपूर्ण होती है जिनके लीक होने पर सरकार पर सवाल खड़े हो सकते हैं। इस दौरान कर्मचारी अपने परिवार या दोस्‍तों से न तो मिल सकते न ही बात कर सकते हैं। प्रिंटिंग प्रेस में एक लैंडलाइन फोन होता है जिसमें सिर्फ इनकमिंग की सुविधा होती है। इसके अलावा, गिने-चुने अधिकारियों के अलावा यहां किसी को आने की अनुमति नहीं होती है।



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हलवा सेरेमनी के वित्त मंत्रालय के 50 से अधिक कर्मचारी बजट बनाने में दिन रात लग जाते हैं। बजट पेश होने से पहले यह लोग 24 घंटे नॉर्थ ब्लॉक में ही गुजारना पड़ता है। एक बार कैद होने के बाद वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा में बजट पेश करने के बाद ही इन्हें नॉर्थ ब्लॉक से बाहर जाने की इजाजत मिलती है। वित्त मंत्रालय बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है।

चाक-चौबंद रखी जाती है सुरक्षा

इस दौरान वित्त मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी जाती है। कोई भी बाहरी व्यक्ति का वित्त मंत्रालय में प्रवेश नहीं कर सकता है। इस दौरान छपाई से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को भी बाहर आने या फिर अपने सहयोगियों से मिलने की भी अनुमति नहीं होती है। अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है। वित्त मंत्रालय में खुफिया विभाग से लेकर के साइबर सुरक्षा सेल सबका पहरा रहता है।

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वित्त मंत्रालय में 10 दिन के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी को रखा जाता है। ऐसा इसलिए ताकि किसी भी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे वहीं पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

कट जाता है इंटरनेट

जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को काट दिया जाता है। इससे किसी भी प्रकार की हैकिंग का डर नहीं रहता है। इन कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट करके रखा जाता है। वित्त मंत्रालय के जिस हिस्से में प्रिंटिंग प्रेस स्थित है, वहां पर केवल चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारियों को जाने की इजाजत होती है।

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