Prisoners on Parole Missing: कोरोना के समय पेरोल पर आए कैदी अब लापता, जुलाई 2021 में ही करना था सरेंडर
Prisoners on Parole Missing: कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पेरोल पर बाहर आए कैदी अब लापता हो गए हैं। लखनऊ जिला जेल के ऐसे 43 कैदियों का कोई अता-पता नहीं है, जिन्हें कोरोना के प्रकोप के दौरान पेरोल मिला था।
Prisoners on Parole Missing:कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पेरोल पर बाहर आए कैदी अब लापता हो गए हैं। लखनऊ जिला जेल के ऐसे 43 कैदियों का कोई अता-पता नहीं है, जिन्हें कोरोना के प्रकोप के दौरान पेरोल मिला था। पेरोल खत्म होने के बाद ऐसे कैदियों द्वारा सरेंडर न किए जाने को लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। कुछ शातिर अपराधी भी अंडरग्राउंड हो गए हैं, जिसने पुलिस-प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
पेरोल पर बाहर आए कैदियों के ठिकानों पर पुलिस ने कई बार दबिश दी, मुखबिर भी लगाए मगर उनका कोई अता-पता नहीं चल पाया। जिसके बाद जेल प्रशासन परेशान है। पेरोल पर बाहर आए कैदियों को जुलाई 2021 में ही जेल लौटना था लेकिन वे अभी तक नहीं लौटे हैं। लापता कैदियों की गिरफ्तारी को लेकर सीनियर जेल अधीक्षक ने पुलिस कमिश्नर को खत भी लिखा है।
जेल प्रशासन एसपी को बार-बार लिख रहे खत
लखनऊ जिला कारागार में आसपास के कई जिलों के कैदी बंद थे, जिन्हें कोरोना के दौरान पेरोल मिला था। इनमें गोमतीनगर थाने के हिस्ट्रीशीटर एवं शातिर अपराधी पीयूष मिश्रा भी शामिल था। कई आपराधिक वारदातों में लिप्त मिश्रा फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। बताया जा रहा है कि उसने भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों से साठगांठ कर ली है, इसलिए पुलिस उस तक नहीं पहुंच पा रही है। लखनऊ जेल प्रशासन हर दो माह पर संबंधित जिले के एसपी को खत लिखकर लापता कैदियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग कर रहा है।
कोरोना के दौरान मिली थी बेल
यूपी जेल में कैदियों की भारी भीड़ को देखते हुए कोरोना की पहली लहर के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को जेलों में बंद सात साल तक की सजा वाले सजायाफ्ता कैदियों को पेरोल पर छोड़ने के निर्देश दिए थे। इस आदेश का पालन करते हुए शासन ने 20 मई 2020 को लखनऊ की जिला जेल में बंद 122 कैदियों को 90 दिन की पेरोल पर छोड़ा था। हालांकि, कोरोना के प्रकोप में बढ़ोतरी के बाद पेरोल की अवधि और खिसका दी गई।
इसके बाद शासन ने आदेश जारी कर 20 जुलाई 2021 तक सभी कैदियों को वापस जेल लौटने का निर्देश दिया था। पेरोल की अवधि पूरी होने पर 122 में से 79 कैदी ही वापस जेल लौटे। शेष 43 कैदी नहीं आए। दो साल होने को हैं लेकिन उनका अब तक कुछ अता-पता नहीं चला है।