अस्पतालों के बजाय श्मशान घाट की क्षमता बढ़ा रही सरकार: प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने कहा कि स्थिति यह हो गई कि यूपी की राजधानी लखनऊ में लाशों की कतार लग गई हैं। लकड़ियों की कमी हो गयी है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Ashiki
Update: 2021-04-14 14:16 GMT

प्रियंका गांधी (File Photo)

लखनऊ: अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में कोरोना महामारी की दूसरी लहर बहुत तेजी से फैल रही है। पूरे सूबे से जो खबरें आ रही हैं वह बेहद दुःखद और दिल दहलाने वाली हैं। यूपी प्रभारी महासचिव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस विपत्ति की घड़ी में प्रदेश की जनता के साथ खड़ी है। हमारी पार्टी जनता को हर तरह से सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही साथ हमारा फर्ज है कि संक्रमित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हम सरकार से मांग करें। उनके सवालों के लिए लड़ें। यह विपक्ष का धर्म है और हम दृढ़ता से इसे निभाएँगे।

उन्होंने कहा कि यूपी की स्थिति सबसे ज्यादा विस्फोटक होने के कगार पर है जबकि यूपी सरकार लगातार आंकड़े छुपा रही है। अगर यूपी सरकार कोरोना महामारी के पहले दिन से ही सचेत रही होती तो शायद आज इस तरह के दिन नहीं देखने पड़ते। इस महामारी में पहले ही दिन से बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था करने के बजाय सरकार ने संक्रमण के आंकड़े और मौतों की संख्या को लगातार कवर-अप किया है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार की कोई व्यवस्था और प्लानिंग ही नहीं दिख रही है, इसकी बजाय ऐसा लग रहा है कि यूपी की जनता पर दो तरफा वार हो रहा है - एक तरफ से कोरोना और दूसरी तरफ से योगी सरकार की नाकाम, असंवेदनशील और ग़ैर ज़िम्मेदार व्यवस्था।

लखनऊ में लाशों की कतार

महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि आज स्थिति यह हो गई कि यूपी की राजधानी लखनऊ में लाशों की कतार लग गई हैं। शवगृदाहगृहों पर लकड़ियों की कमी हो गयी है। प्रदेश का आम आदमी अपने परिजन का अंतिम संस्कार भी सम्मानित तरीके से करने में लाचार है। उन्होंने कहा कि जांच किटों की उत्तर प्रदेश में भारी कमी पड़ गयी है। जांचों के लिए लम्बी वेटिंग है। एडमिट होने में बेड के लिए वेटिंग है। ऑक्सीजन के लिए लम्बी वेटिंग है। अंतिम संस्कार के लिए लम्बी वेटिंग है। एम्बुलेंस के लिए वेटिंग है।

महासचिव ने कहा कि प्रदेश के कानून मंत्री की चिठ्ठी में साफ-साफ लिखा है कि लखनऊ में प्राइवेट अस्पतालों में जांच नहीं हो रही है। सरकारी संस्थानों के हालात यह हैं कि कोरोना की जांच रिपोर्ट में कई दिन लग रहे हैं।

प्रियंका गांधी ने कहा है कि यह कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि लखनऊ के इनसाइक्लोपीडिया कहे जाने वाले बड़े मशहूर इतिहासकार पद्मश्री श्री योगेश प्रवीण को लेने घंटों तक एम्बुलेंस नहीं पहुंचीं और उन्होंने निजी वाहन में अस्पताल जाते हुए दम तोड़ दिया। सरकार के कानून मंत्री तक सहायता के लिए गुहार लगाते रहे पर मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि यूपी में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर, मेरठ, झांसी और गौतमबुद्ध नगर की स्थितियां विस्फोटक हो गयी हैं। लखनऊ जैसे शहर में मात्र 531 आईसीयू बेड हैं, जबकि मरीजों की तादात 13,000 से भी अधिक है।

उन्होंने कहा कि विडंबना देखिए कि बहुमत की इस सरकार ने अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के लिए पूरे साल कुछ नहीं किया और आज इन्हें शमशान घाटों की क्षमता बढ़ानी पड़ रही है। बयान के अंत में महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि इस महाविपत्ति में सच छिपाने से संक्रमण और तेजी से फैलेगा। प्रदेश सरकार सच्चाई छुपाने में व्यस्त है तो केंद्र सरकार वैक्सीन उत्सव मनाने को कह रही है। यह उत्सव मनाने का वक्त नहीं - लोगों की जान बचाने का वक्त है। सरकार को चाहिए कि तत्काल प्रभाव से-

  1. प्रदेश के अस्पतालों में आक्सीजन की उचित व्यवस्था कराए।
  2. जाँच की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर आए।
  3. प्राईवेट लैब से टेस्टिंग की सुविधा की अनुमति दी जाए, उनका शुल्क निर्धारित किया जाए और RTPCR टेस्टिंग तुरंत बढ़ायी जाए।
  4. भर्ती के लिए सीधी एवं सरल प्रणाली लाई जाए।
  5. ऑक्सीजन, व रेमडेसिविर इंजेक्शन को जिला स्तर पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए एवं कालाबाजारी पर रोक लगे। साथ ही साथ दामों का नियंत्रण रखने के लिए ठोस रणनीति पर काम किया जाए।
  6. मरीजों के इलाज के लिए बेड उपलब्ध कराने के वैकल्पिक बंदोबस्त हो। कोविड के लिए एल 1, एल 2, एल 3 के तहत बेड्स की संख्या बढ़ाने के लिए स्थाई व अस्थाई प्रबंध किए जाएं।
  7. गरीब पीड़ितों के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक मदद का पैकेज दिया जाए।
  8. अस्पताल में भर्ती होने के लिए और रेमडेसिविर के उपयोग के लिए लालफीताशाही और नौकरशाही के अति-केंद्रिकृत अप्रोच को खत्म किया जाए।
  9. निजी अस्पतालों में चिन्हित वार्ड का कोरोना महामारी में इस्तेमाल किया जाए।
  10. कोविड से मृत मरीजों के अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था की जाए।
  11. टीकाकरण अभियान की रफ्तार आपातकालीन तौर पर तुरंत बढ़ाई जाए ताकि अधिक से अधिक लोग संक्रमण से बच पाएँ।
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