30 जवानों को जिंदा जलाने की थी तैयारी, सामने आया ये खौफनाक वीडियो

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 20 दिसंबर को मेरठ में जुमे की नमाज के बाद हो रहे प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान दंगाईयों ने कई गाड़ियों में लगा दी थी और पुलिस पर पत्थर भी बरसाए थे।

Update: 2020-01-02 13:10 GMT

मेरठ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 20 दिसंबर को मेरठ में जुमे की नमाज के बाद हो रहे प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान दंगाईयों ने कई गाड़ियों में लगा दी थी और पुलिस पर पत्थर भी बरसाए थे। इसके अलावा अब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि दंगाई पुलिस जवानों को जिंदा जलाना चाहते थे।

हिंसा के दिन का एक सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। इससे खुलासा हुआ है कि दंगाईयों ने एक दुकान में पुलस के जवानों को बंद कर दिया और तेल डालकर दुकान को आग लगा दी। हालांकि एसएसपी के तत्तपरता की वजह से इन जवानों की जान बची थी। यहा पूरा मामला थाना लिसाड़ी गेट का है।

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दरअसल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदेश के मद्देनजर जुमे की नमाज के दिन पुलिस और आरएएफ की ड्यूटी लगाई गई थी। करीब 30 पुलिस और आरएएफ के जवान एक दुकान में बैठे हुए थे। उसी दौरान हिंसा फैला रहे दंगाईयों ने उसमें ताला जड़ दिया और फिर तेल डालकर आग लगा दी।

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इस घटना की जानकारी एसएसपी अजय साहनी को मिली जिसके बाद वह अपनी फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। इस पर दंगाईयों ने फायरिंग शुरू कर दी जिसमें आरएएफ के दो जवानों को गोली लग गई। जबकि एक पत्रकार की जान जाते जाते बची थी। इसके बाद आग से घिरे जवानों को काफी मुश्किल से बचाया जा सका। अब पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया और आवश्यक कार्रवाई कर रही है।

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बता दें कि 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के कई शहरों में जमकर हिंसा हुई थी। दंगाईयों ने कई बसों और गाड़ियों में लगा थी। इसके अलावा पुलिस पर भी जमकर पत्थर बरसाए थे। इस मामले में पुलिस अब कड़ी कार्रवाई कर रही है।

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