पुलवामा हमले में शहीद इस जवान के परिवार के साथ हो रहा मजाक

एक साल पहले इसी दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा इलाके से गुजर रहे सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ हमला बोल दिया था। इस हमले में हमारे देश के 40 जवान मारे गए थे।

Update:2020-02-14 11:46 IST

मनोज सिंह

कानपुर: 14 फरवरी 2019 यह वो दिन था जिसने देश के भीतर सुबह होते ही कोहराम मचा दिया था। दरअसल एक साल पहले इसी दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा इलाके से गुजर रहे सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ हमला बोल दिया था। इस हमले में हमारे देश के 40 जवान मारे गए थे। सुबह तड़के हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

शहीद श्याम बाबू की मौत पर उमड़ी थी लाखों की भीड़

इन 40 शहीदों में से एक शहीद श्याम बाबू उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले का भी था। जिस वक्त शहीद श्याम बाबू का पार्थिव शरीर कानपुर देहात स्थित उनके गांव रैगवां पहुंचा था। उस समय लाखों की संख्या में लोगों का हुजूम उनके घर पर मौजूद था। केंद्र सरकार की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी खुद यहां पहुंची थी और शहीद श्याम बाबू के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पण किये थे।

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ये वादे हुए पूरे

सत्ता पक्ष विपक्ष सहित कई नेताओं ने श्याम बाबू के घर पहुंचकर बहुत से वायदे किए थे। आज इस घटना को 1 साल पूरे होने जा रहे हैं तो हमने भी सोचा की सियासत दानों की सियासत और उनके फायदे इस शहीद के परिवार के लिए कितना कारगर साबित हुए हैं, उनको भी परख लिया जाए। जिसके लिए हमारी टीम पहुंची है कानपुर देहात के डेरापुर तहसील अंतर्गत रैगवां गांव में इस शहीद के परिवार से किए गए वायदों के रियलिटी चेक करने पर पता चला कि बीते 1 सालों में शहीद की पत्नी रूबी को कलेक्ट्रेट कानपुर देहात में क्लर्क की नौकरी मिली और सरकार की ओर से दी गई नकद धनराशि भी शहीद श्याम बाबू की पत्नी रूबी को दे दी गई है।

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नहीं बना शहीद स्मारक, अब परिवार ने लिया जिम्मा

वहीं शहीद श्याम बाबू के लिए शहीद स्मारक बनना था और शहीद स्मारक तक सड़क बनाया जाना था जिसे 1 साल में जिला प्रशासन अब तक नहीं बनवा पाया क्योंकि घटना के पूरे 1 साल पूर्ण होने जा रहे हैं इसलिए अब शहीद के परिवार ने खुद ही उस जगह पर (जहां श्यामबाबू का दाह संस्कार हुआ था) परिवार खुद ही शहीद की समाधि बना रहा है।

PWD ने जो सड़क बनाई, उसका हुआ बुरा हाल

खास बात ये कि इस समाधि स्थल तक आने वाली सड़क जिसे पीडब्ल्यूडी ने बनाया है वह महज डेढ़ माह के भीतर ही उखड़ने लगी है। शहीद श्यामबाबू के परिवार का कहना है कि जो सड़क पीडब्ल्यूडी ने बनाई है, वह अधूरी बनाकर ही छोड़ दी है। जिस सड़क को श्याम बाबू के समाधि स्थल तक जाना था वह महज शहीद के घर तक ही पहुंची है।

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