Basti News: पैमाइश के लिए लेखपाल ने मांगी दस हजार रुपए की रिश्वत, वीडियो वायरल

बस्ती जिले के हर्रैया तहसील में भ्रष्टाचार इस तरह व्याप्त है कि पहले घूस दो फिर सुनवाई होगी।

Report :  Amril Lal
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-08-04 09:14 GMT

लेखपाल पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाता फरियादी

Basti News: बस्ती जिले के हर्रैया तहसील में भ्रष्टाचार इस तरह व्याप्त है कि पहले घूस दो फिर सुनवाई होगी। हर्रैया तहसील के लेखपालों द्वारा खुलेआम घूस मांगा जाता है, घूस न देने पर फरियादियों का काम न करने की धमकी दी जाती है। कई लेखपालों, कानूनगों का घूस मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बनने से पहले जनता के बीच में यही वादा किया था कि अगर मेरी सरकार बनती है तो उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त होगा, लेकिन योगी सरकार के सख्त निर्देश के बावजूद भी बस्ती जिले में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जनता की समस्याएं तत्काल सुनी जाएं और कार्रवाई की जाए। बावजूद इसके बस्ती जिले के राजस्व विभाग के कर्मचारी जनता के काम करने के नाम पर अवैध वसूली करते रहते हैं। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कानूनगो दिनेश उपाध्याय के इशारे पर उनके चहेते लेखपाल अरविंद कुमार फरियादी से जमीन पैमाइश करने के नाम पर 8000 रुपए की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद भी तहसील प्रशासन की तरफ से कानूनगो और लेखपाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इसी तरह का एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लेखपाल संतोष कुमार उपाध्याय बंजर की जमीन खाली कराने के नाम पर पीड़ित से 10000 रुपए की मांग कर रहे हैं। पीड़ित विनय कुमार मिश्र ने इसकी शिकायत उप जिलाधिकारी हर्रैया से लेकर जिला अधिकारी बस्ती और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के जनता दरबार में किया, लेकिन उच्च अधिकारियों की लापरवाही से अभी तक इन लेखपालों और कानूनगो पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है।


वहीं पीड़ित ने आरोप लगाया कि कानूनगो और लेखपाल की सत्ता में पकड़ होने के कारण, इन पर कानूनी कार्रवाई करने में तहसील प्रशासन के हाथ पांव फूल रहे हैं।


वहीं मुक्त राजस्व अधिकारी बस्ती अनीता यादव ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही है। लेकिन अधिकारियों की तरफ से जांच की बात तो की जाती है, बड़ा सवाल यह है कि जांच होगी कब। पीड़ित मांग कर रहे हैं कि भ्रष्ट कानूनगो और लेखपाल के खिलाफ कब कार्यवाही होगी। 

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