Chandauli News: अधिवक्ताओं ने न्यायालय भवन के लिए एनएच दो को जाम किया, आत्मदाह की चेतावनी दी

न्यायालय भवन के लिए अधिवक्ताओं ने एनएच दो को एक घंटे के लिए जाम किया, प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद जाम को हटवाया गया।

Report :  Ashvini Mishra
Published By :  Deepak Raj
Update: 2021-08-05 10:50 GMT
न्यायालय भवन के लिए धरने पर बैठे अधिवक्ता

Chandauli News: बनारस से लगभग पचास किलोमीटर कि दूरी पर स्थित चंदौली है जो आज से लगभग चौबीस साल पहले जिला बना था। ये जिला एनएच दो पर स्थित है जो व्यापारिक दृष्टिकोण से भी काफी समृद्ध माना जाता है। संचार माध्यम के तौर पर देखें तो ये जिला काफी सुगम है लेकिन इसके बने चौबीस साल के बाद भी अधिवक्ताओं के लिए एक न्यायालय नहीं बन पाया है। इसी को लेकर अधिवक्ताओं ने आज प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और एक घंटे के लिए एनएच दो को जाम कर दिया।


अधिवक्ताओं से बातचीत करते अधिकारी


आपको बता दें की चंदौली जिला बनने के 24 वर्ष बीतने के बाद भी जिले को अभी तक न्यायालय भवन मुहैया नहीं हो पाया है,जिसके लिए लंबे समय से अधिवक्ताओं द्वारा आंदोलन के माध्यम से मांग की गई है। न्यायालय भवन के निर्माण के लिए पिछले 4 दिनों से अधिवक्ता संघर्ष समिति द्वारा क्रमिक आंदोलन किया जा रहा है। आंदोलन के चौथे दिन अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों को और आक्रमक करते हुए जिला मुख्यालय स्थित नेशनल हाईवे दो को लगभग 1 घंटे तक जाम कर दिया।


जाम के कारण राहगीर चिलचिलाती धूप में परेशान हो गए

जिससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई और राहगीर चिलचिलाती धूप में परेशान हो गए। अधिवक्ताओं के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस तैनात तैनात कर दी गई। वहीं सूचना पर सदर एसडीएम संजीव कुमार मौके पर पहुंच गए अधिवक्ताओं को आश्वासन देते हुए कहा कि 2 दिनों में आप लोगों की मांग को मूर्त रूप दिलाने का प्रयास किया जाएगा। एसडीएम के आश्वासन के बाद लगभग 1 घंटे बीतने पर अधिवक्ताओं ने नेशनल हाईवे को मुक्त किया। उसके बाद आवागमन प्रारंभ हुआ।

धरनास्थल का दृश्य


आंदोलन के नेतृत्वकर्ता डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन के महामंत्री जन्मेजय सिंह ने बताया कि न्यायालय भवन के निर्माण को लेकर अधिवक्ता संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि रविवार तक भवन निर्माण की प्रक्रिया मूर्त रूप नहीं लेती है तो सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायालय के सामने अधिवक्ता सामूहिक रूप से आत्मदाह करने के लिए चिता लगाएंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। आंदोलनकारी अधिवक्ताओं ने यह भी बताया कि लंबे आंदोलन के बाद जमीन के अधिग्रहण की कार्यवाही की गई है,लेकिन अभी तक उसके निर्माण की कोई भी प्रक्रिया नहीं की जा रही है, जिससे अधिवक्ता परेशान है।

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